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प्रश्न
“अच्छी मालन, मेरे बन्ने का बना ला सेहरा,
बागे जन्नत गई मालन मेरी फूलों के लिए,
फूल न मिलें तो कलियों का बना ला सेहरा।”
क्या तुम्हें या घर में किसी और को ऐसे गीत आते हैं?
उत्तर
मेरे घर में मेरी बहन, माँ एवं दादी को ऐसे गीत आते हैं। मुझे भी ऐसे गीत आते है।
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संबंधित प्रश्न
आँखें बंद करके कल्पना करो कि तुम भी ऐसी ही किसी जगह पर पहुँच गए हो। कैसा लगा? कौन-कौन सा गाना गाने का दिल चाह रहा है? तुम उनमें से कुछ गाकर सुनाओ।
तुम नीचे दिए गए फूलों में से जिनको पहचानते हो, उन पर (✓) निशान लगाओ। अगर पता हो, तो उनके नाम चित्र के नीचे लिखो।
तुमने कलियाँ भी देखी होंगी। अगर स्कूल में या घर के आस-पास कहीं फूल के पौधे हों, तो उनकी कलियाँ भी देखो।
क्या तुम जानते हो फूल खाए भी जाते हैं? बहुत से फूलों की सब्जी बनती है।
क्या तुम्हारे घर में भी किसी फूल की सूखी सब्ज़ी, सालन (तरीदार सब्ज़ी) या चटनी बनाई जाती है? पता करो, कौन-से फूलों की?
तुम ऐसे और फूलों के नाम पता करो, जिनसे रंग बनता है।
क्या तुम ऐसा कोई रंग सोच सकते हो, जिस रंग का कोई फूल ही न होता हो?
क्या तुमने कभी फूलों पर कोई गीत पढ़ा या सुना है?
“अच्छी मालन, मेरे बन्ने का बना ला सेहरा,
बागे जन्नत गई मालन मेरी फूलों के लिए,
फूल न मिलें तो कलियों का बना ला सेहरा।”
क्या तुम बता सकते हो कि ऊपर दिया गया गीत कब गाया जाता होगा?
तुम पाँच या छह के समूह में बँटकर यह कर सकते हो।
- पेड़-पौधों से गिरे हुए फूलों को इकट्ठा करो और क्लास में लाओ।
- इन फूलों को पुराने अखबार के पन्नों के बीच में ठीक से फैला कर रखो।
- हर परत में फूल इस तरह रखना कि एक-दूसरे से चपके नहीं।
- अब इस अखबार को किसी भारी चीज़ से दबा कर दस-पंद्रह दिन के लिए एक ही जगह रखा रहने दो।
- इसके बाद फूलों को ध्यान से निकालो और किसी पुरानी कॉपी या पुराने अखबार में चिपकाओ। इन फूलों को पन्नों पर अलग-अलग तरीके से चिपकाया जा सकता है।
- तुम इन सूखे हुए फूलों से सुंदर कार्ड भी बना सकते हो।