Advertisements
Advertisements
प्रश्न
एक व्यक्ति की अनन्यता कैसे बनती है?
उत्तर
अगर मै पूछू कौन है? तो आपका जवाब यह होगा एक परिश्रमि तथा प्रसन्नचित लड़का या लड़की। यह उत्तर आपको आपकी समाजित अनन्यता, जो 'व्यक्ति कौन है' उसकी स्वय की परिभाषा है, के बारे में जानकारी देता है। हमारी अनन्यता के कुछ पक्ष शारीरिक विशेषताओं से निरधारित होते है, तथापि हम अन्य पक्षों को समाज में अन्य व्यक्तियों से होने वाले अतः क्रिया के परिणामस्वरूप अर्जित कर सकते है। कभी - कभी हम स्वय को अनूठे व्यक्ति के रूप में देखते है दूसरी स्थिति में हम स्वय को समूह के सदस्य के रूप में देखते है। आत्म या स्व की अभिव्यक्ति के लिए दोनों ही समान रूप में वैध है। स्वय को एक अनूठे व्यक्ति के रूप में देखने के द्ष्टिकों से उतपन्न हमारी व्यक्तिगत अनन्यता और उस समूह जिसके सदस्य के रूप में हम स्वय को देखते है उससे उतपन्न सामाजिक अनन्यता दोनों ही हमारे लिए महत्वपूर्ण है।
अपने स्वय के अनुभव से आप यह अनुभव करेंगे की आपके आत्म संप्रत्यय के लिए एक सामाजिक समूह के साथ तादात्म्य बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। जब भारत कोई क्रिकेट मैच जीतती है आप कैसे अनुभव करते है? आप स्वय को उल्लासित और गैरवनविनत अनुभव करते है। आप ऐसा इसलिए अनुभव करते है क्योकि आपकी अनन्यता एक भारतीय के रूप में है। सामाजिक अनन्यता एक बड़े सामाजिक संदर्भ में हमें यह बताती है की हम क्या है और हमारी क्या स्थिति है तथा इस प्रकार समाज में हम कहा है और इसको जानने में सहायता करती है।
APPEARS IN
संबंधित प्रश्न
समूह हमारे व्यवहार को किस प्रकार से प्रभावित करते है?
समूहों में सामाजिक स्वैराचार को कैसे कम किया जा सकता है? अपने विधालय में सामाजिक स्वैराचार की किन्हीं दो घटनाओं पर विचार कीजिए। आपने इसे कैसे दूर किया?
लोग यह जानते हुए भी की उनका व्यवहार दुसरो लिए हानिकारक हो सकता है, वो क्यों आज्ञा पालन करते है? व्याख्या कीजिए।