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प्रश्न
जब ऐलुमिनियम (III) क्लोराइड एवं पोटैशियम क्लोराइड को अलग-अलग (i) सामान्य जल, (ii) अम्लीय जल एवं (iii) क्षारीय जल से अभिकृत कराया जाएगा, तो आप किन-किन विभिन्न उत्पादों की आशा करेंगे? जहाँ आवश्यक हो, वहाँ रासायनिक समीकरण दीजिए।
उत्तर
पोटैशियम क्लोराइड (KCI) प्रबल क्षार और अम्ल से बना लवण है। साधारण जल में यह अपने संघटक आयनों में विघटित हो जाता है। इस प्रक्रम में कोई जल-अपघटन नहीं होता है।
\[\ce{KCl(s) ->[Water] K+(aq) + Cl-(aq)}\]
KCI का जलीय विलयन उदासीन होता है। इसलिए यह अम्लीय जल में अथवा क्षारीय जल में कोई अभिक्रिया प्रदर्शित नहीं करता है।
ऐलुमिनियम क्लोराइड (AlCl3) दुर्बल क्षार और प्रबल अम्ल से बना लवण है। यह सामान्य जल में जल-अपघटित (hydrolyse) होकर अम्लीय विलयन बनाता है, जैसा नीचे दिखाया गया है।
\[\ce{AlCl3 <=>Al^3+ + 3Cl}\]
\[\underline{\ce{Al^3+ + 3H2O <=> Al(OH)3 + 3H^+}}\]
\[\ce{AlCl3 + 3H2O <=> Al(OH)3 + 3H+ + 3Cl^-}\]
अम्लीय जल में H+ आयन Al(OH)3 से क्रिया करके Al3+ आयन और H2O बनाता है। इस प्रकार अम्लीय जल में जल-अपघटन प्रक्रिया अवरुद्ध हो जाती है और Al3+ और Cl– आयन विलयन में स्थित रहते हैं।
\[\ce{AlCl3 ->[Acidified][Water] Al^3+ + 3Cl-}\]
क्षारीय जल में Al(OH)3 क्रिया करके \[\ce{AlO^-_2}\] आयन देता है।
\[\ce{Al(OH)3 + OH- -> \underset{\text{Meta aluminate ion}}{AlO^-_2 + 2H2O}}\]
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