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प्रश्न
निम्न संधि का विग्रह कर उसका प्रकार लिखिए:
थोड़ी ही देर में हाॅटेल के स्वागत में आसीन थे।
उत्तर
शब्द | विग्रह | संधि | प्रकार |
स्वागत | स्व + आगत | अ + अ | स्वर संधि |
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संबंधित प्रश्न
क्रिया का लिंग और वचन सामान्यतः कर्ता और कर्म के लिंग और वचन के अनुसार निर्धारित होता है। वाक्य में कर्ता और कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार जब क्रिया के लिंग, वचन आदि में परिवर्तन होता है तो उसे अन्विति कहते हैं।
क्रिया के लिंग, वचन में परिवर्तन तभी होता है जब कर्ता या कर्म परसर्ग रहित हों;
जैसे- सवार कारतूस माँग रहा था। (कर्ता के कारण)
सवार ने कारतूस माँगे। (कर्म के कारण)
कर्नल ने वज़ीर अली को नहीं पहचाना। (यहाँ क्रिया, कर्ता और कर्म किसी के भी कारण प्रभावित नहीं है)
अतः कर्ता और कर्म के परसर्ग सहित होने पर क्रिया कर्ता और कर्म से किसी के भी लिंग और वचन से प्रभावित नहीं होती और वह एकवचन पुल्लिंग में ही प्रयुक्त होती है। नीचे दिए गए वाक्यों में ‘ने’ लगाकर उन्हें दुबारा लिखिए-
- घोड़ा पानी पी रहा था।
- बच्चे दशहरे का मेला देखने गए।
- रॉबिनहुड गरीबों की मदद करता था।
- देशभर के लोग उसकी प्रशंसा कर रहे थे।
सूचना के अनुसार शब्द में परिवर्तन कीजिए:
पाठों में आए सभी प्रकार के सर्वनाम ढूँढ़कर उनका अपने वाक्यों में प्रयोग करो।
कविता (सौहार्द-सौमनस्य) में प्रयुक्त विलोम शब्दों की जोड़ियाँ लिखो।
नीचे दिए गए चिन्ह के सामने उनका नाम लिखिए तथा वाक्य में उचित विरामचिह्न लगाइए
!
निम्नलिखित मुहावरे/कहावत में से अनुपयुक्त शब्द काटकर उपयुक्त शब्द लिखिए:
धरती - सर - पर - उठाना - ______ - ______ - ______ - ______
निम्नलिखित वाक्य को पढ़ो और मोटे अक्षर में छपे शब्द पर ध्यान दो, पढ़कर उद्देश्य-विधेय अलग करके लिखो:
हिलामय देश का गौरव है।
निम्नलिखित वाक्य पढ़ो और मोटे और अधोरेखित किये गए शब्द पर ध्यान दो :
अरेरे! पेड़ गिर पड़ा।
अर्थ के आधार पर वाक्य पढ़ो, समझो और उचित स्थान पर लिखो :
सदैव सत्य के पथ पर चलो।
अर्थ के आधार पर वाक्य पढ़ो, समझो और उचित स्थान पर लिखो :
यदि बिजली आएगी तो रोशनी होगी।
पढ़ो :
पाई हटाकर जुड़ें हम
ग्वाला | पुष्प |
गुच्छा | डिब्बा |
चप्पल | पत्थर |
'मै सेवाग्राम ______ में मां जैसी लगती' गद्यांश में क्रिया पर ध्यान दीजिये
निम्न पत्र में आए कालों के वाक्यों को ढूँढ़कर लिखिए तथा निर्देशानुसार परिवर्तित करके पुनः लिखिए:-
धन्यवाद पत्र ______ घर क्र. ______ ग्राम/शहर ______ जिला दिनांक ______ सम्माननीय .................... जी सादर नमस्कार। मैं आपको नहीं जानता। आप मुझे नहीं जानते। मेरे और आपके बीच एक ही नाता है - एक भले इनसान का। मैं आपके द्वारा भिजवाई गई अटैची को पाकर हृदय से कृतज्ञ हूँ। मेरा रोम-रोम आपको शुभकामना दे रहा है। मैं रेलगाड़ी में भूली हुई अटैची के कारण बहुत परेशान था। मेरे सारे सर्टीफिकेट, पैसे, महत्त्वपूर्ण कागजात उस अटैची में थे। पिछले तीन दिनों की अथक कोशिश के बाद मेरा मन निराश हो चुका था। मुझे लगने लगा था कि जैसे इस दुनिया में ईमानदारी बची ही नहीं है परंतु आपने मेरी अटैची अपने बेटे के हाथों भेजकर मेरी सारी निराशा को आशा में बदल दिया। तब से मैं बहुत प्रसन्न हूँ। मान्यवर! आपकी ईमानदारी ने सचमुच मुझे नया विश्वास दिया है। आप विश्वास रखिए, भविष्य में मैं किसी की भी परेशानी दूर करने का प्रयास करूँगा। भवदीय |
क्रम. | काल | वाक्य | काल | परिवर्तित वाक्य |
१. | सामान्य भूतकाल | सामान्य वर्तमान काल | ||
२. | सामान्य वर्तमान काल | सामान्य भविष्यकाल | ||
३. | सामान्य भविष्यकाल | पूर्ण भूतकाल | ||
४. | अपूर्ण वर्तमान काल | अपूर्ण भूतकाल | ||
५. | पूर्ण भूतकाल | सामान्य वर्तमान काल |
उचित विरामचिह्न लगाइए:-
पराधीन को स्वप्न में भी सुख नहीं मिलता
उचित विरामचिह्न लगाइए:-
ऐसा एक भी मनुष्य नहीं जो संसार में कुछ न कुछ लाभकारी कार्य न कर सकता हो
पाठ (चेतना) में आए अव्ययों को ढूँढ़िए और उनके भेद बताकर वाक्य में प्रयोग कीजिए।
‘निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल’ इस कथन की सार्थकता स्पष्ट कीजिए ।
निम्नलिखित मुहावरा, कहावत में गलत शब्द के स्थान पर सही शब्द लिखकर उन्हें पुनः लिखिए:
गीत न जाने आँगन टेढ़ा
अर्थ की दृष्टि से वाक्य परिवर्तित करके लिखिए :
नीचे दिए गए विरामचिह्न के सामने उनके नाम लिखकर इनका उपयोग करते हुए वाक्य बनाइए:
चिह्न | नाम | वाक्य |
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