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प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए:
'पहलवान की ढोलक' कहानी प्राचीन लोक-कलाओं के धीरे-धीरे विलुप्त होने के दर्द का वर्णन करती है। कैसे? पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर
प्राचीन लोक कलाएँ धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही हैं। इसका मुख्य कारण औद्योगीकरण और बढ़ते शहरीकरण के कारण इन कलाओं की प्रासंगिकता का खत्म होना है। आधुनिक समय में लोगों के मूल्य और जीवन-शैली में बड़ा बदलाव आ गया है। अब कुश्ती जैसी पारंपरिक कलाओं का महत्व घट गया है।
आज के दौर में क्रिकेट, फुटबॉल, तैराकी, हॉकी, जिमनास्टिक जैसे खेल अधिक लोकप्रिय हो गए हैं। 'पहलवान की ढोलक' पाठ के आधार पर यह कहा जा सकता है कि जब तक लुट्टन पहलवान और कुश्ती को राज्य का संरक्षण प्राप्त था, तब तक यह कला फली-फूली। लेकिन राजदरबार का समर्थन खत्म होने के बाद, इनकी स्थिति मरणासन्न हो गई।
यह उन पहलवानों और कुश्ती प्रेमियों के लिए बेहद दुखद है कि उनकी रुचि का खेल अब विलुप्त-सा हो गया है।