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प्रश्न
नकली बूँदी को लेकर वीरसिंह के साथियों के विचार।
उत्तर
जब सरदार वीरसिंह ने अपने साथियों से पूछा कि सामने यह कौन-सी इमारत है, तो सब ने उन्हें बताया कि यह बूँदी का दुर्ग है। वीरसिंह ने अपने साथियों को बताया कि महाराणा इस गढ़ को जीतकर अपनी प्रतिज्ञा पूरी करना चाहते हैं। क्या हमें अपनी मातृभूमि का यह अपमान होने देना चाहिए? पहले तो उनके साथियों ने कहा कि यह तो नकली बूँदी का दुर्ग है। हम महाराणा के नौकर हैं। क्या महाराणा के विरूद्ध तलवार उठाना उचित है? उनके ही नमक से हमारा यह शरीर बना है। हमें उनकी इच्छा में व्याघात नहीं पहुँचाना चाहिए। अंततः वीरसिंह के समझाने पर उनके साथियों ने निश्चय किया कि कोई नकली दुर्ग का भी अपमान नहीं कर सकता। जन्मभूमि हमें प्राणों से भी अधिक प्रिय है।
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