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समाजशास्त्रीय शोध के लिए ‘गाँव’ को एक विषय के रूप में लेने पर एम. एन. श्रीनिवास तथा लुई डयूमों ने इसके पक्ष तथा विपक्ष में क्या तर्क दिए हैं? - Sociology (समाजशास्त्र)

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प्रश्न

समाजशास्त्रीय शोध के लिए ‘गाँव’ को एक विषय के रूप में लेने पर एम. एन. श्रीनिवास तथा लुई डयूमों ने इसके पक्ष तथा विपक्ष में क्या तर्क दिए हैं?

संक्षेप में उत्तर

उत्तर

  • एम. एन. श्रीनिवास ने भारतीय गाँवों को समाजशास्त्रीय शोध/अनुसंधान के विषय के रूप में चुनाव किया। इसका कारण यह था कि उनकी रुचि ग्रामीण समाज से जीवनभर बनी रही।
  • उनके लेख दो प्रकार के हैं - गाँवों में किए गए क्षेत्रीय कार्यों का नृजातीय ब्यौरा तथा इन ब्यौरों पर परिचर्चा।
  • दूसरे प्रकार के लेख में सामाजिक विश्लेषण की एक इकाई के रूप में भारतीय गाँव पर ऐतिहासिक और अवधारणात्मक परिचर्चाएँ शामिल हैं।
  • श्रीनिवास का मत था कि गाँव एक आवश्यक सामाजिक पहचान है। इतिहास साक्षी है कि गाँवों ने अपनी एक एकीकृत पहचान बना रखी है। ग्रामीण समाज में ग्रामीण एकता का अत्यधिक महत्व है।
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भारतीय समाजशास्त्री
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अध्याय 5: भारतीय समाजशास्त्री - अभ्यास [पृष्ठ ११०]

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एनसीईआरटी Sociology [Hindi] Class 11
अध्याय 5 भारतीय समाजशास्त्री
अभ्यास | Q 8. | पृष्ठ ११०

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