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"तब माँ कोई कर न सकेगाअपने ऊपर अत्याचार।" कविता की इस पंक्ति में किस अत्याचार की बात की जा रही है? वे किस तरह के अत्याचार करते थे? - Hindi (हिंदी)

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प्रश्न

"तब माँ कोई कर न सकेगा
अपने ऊपर अत्याचार।"

कविता की इस पंक्ति में किस अत्याचार की बात की जा रही है? वे किस तरह के अत्याचार करते थे?

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उत्तर

इस पंक्ति में अंग्रेज़ों द्वारा देशवासियों में किए जा रहे अत्याचारों की बात हो रही है। अंग्रेज़ों ने भारत को अपना गुलाम बना लिया था। वे उन पर अनेक प्रकार के अत्याचार कर रहे थे। वे अमानवीयता की सभी हदें पार कर चूके थे। भारत का समस्त धन निचोड़कर अपने देश में भर रहे थे। यदि कोई उनका विरोध करता, तो वे उसे मारा-पीटा करते थे। यहाँ तक की उन्हें आंतकवादी घोषित कर कालापानी के लिए भेज दिया जाता था। यदि इससे भी दिल नहीं भरता था, तो उन्हें सरेआम फांसी पर लटका दिया जाता था। देश की जनता गरीब और गरीब हो रही थी। भारत में लोग एक समय के भोजन के लिए तरस रहे थे। परन्तु अंग्रेज़ों को इससे कोई सरोकार नहीं था। वे भारतीयों के साथ भेदभाव करते थे। उनकी तुलना कुत्ते से किया करते थे। हमें अपने ही देश के कई स्थानों पर आने-जाने से रोका जाता था।

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पद्य (Poetry) (Class 7)
  क्या इस प्रश्न या उत्तर में कोई त्रुटि है?
अध्याय 14: पानी और धूप - अभ्यास [पृष्ठ ८२]

APPEARS IN

एनसीईआरटी Hindi - Durva Part 2 Class 7
अध्याय 14 पानी और धूप
अभ्यास | Q 7. | पृष्ठ ८२

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(क) बहुत दिन हो गए, मन में कोई उमंग नहीं आई।

(ख) बहुत दिन हो गए, मन के भीतर कविता-सी कोई बात नहीं उठी, जिसमें छंद हो, लय हो।

(ग) बहुत दिन हो गए, गाने-गुनगुनाने का मन नहीं हुआ।

(घ) बहुत दिन हो गए, मन का दुख दूर नहीं हुआ और न मन में खुशी आई।


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बजने लगे;
लुढ़कती आ रही है।
सूरज की लाल गेंद।
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नीचे लिखी पंक्तियों में रेखांकित शब्दों को ध्यान से देखिए-

(क) घुटनों पर पड़ी है नदी चादर-सी

(ख) सिमटा बैठा है भेड़ों के गल्ले-सा

(ग) पानी का परदा-सामेरे आसपास था हिल रहा

(घ) मँडराता रहता था एक मरियल-सा कुत्ता आसपास

(ङ) दिल है छोटा-सा छोटी-सी आशा

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