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प्रश्न
1425 m³ आयतन का हीलियम से भरा कोई बड़ा गुब्बारा 400 kg के किसी पेलोड को उठाने के काम में लाया जाता है। यह मानते हुए कि ऊपर उठते समय गुब्बारे की त्रिज्या नियत रहती है, गुब्बारा कितनी अधिकतम ऊँचाई तक ऊपर उठेगा? . [y0 = 8000 m तथा ρHe = 0.18 kg m-3 लीजिए।]
उत्तर
गुब्बारे का आयतन V = 1425 m3
हीलियम का घनत्व ρHe = 0.18 kg m-3 , y0 = 8000 m
पेलोड का द्रव्यमान = 400 kg, समुद्र तल पर ρ0 = 1.25 kg m-3
माना गुब्बारा y ऊंचाई तक ऊपर उठ जाता है, तब y ऊंचाई पर वायु का उत्क्षेप = गुब्बारे का भार + पेलोड का भार
ρVg = ρHe Vg + 400 g
Vg से भाग देने पर,
`rho = rho_"He" + 400/"V" = 0.18 + 400/1425`
अर्थात y ऊंचाई पर वायु का घनत्व,
ρ = 0.46 kg m-3
अब सूत्र ρ = ρ0e-y/y0 से,
`0.46 = 1.25 "e"^(-"y"//8000)`
`"e"^(-"y"//8000) = 0.46/1.25 = 0.368`
∴ दोनों पक्षों का प्राकृतिक log लेने पर,
`- "y"/8000 = "log"_"e" (0.368)`
`=> -"y"/8000 = -0.997`
∴ y = 0.997 × 8000 m = 7976 m
अतः गुब्बारा 7976 m ऊंचाई तक उठेगा।
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