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“आँगन में ठुनक रहा है जिदयाया हैबालक तो हई चाँद पै ललचाया है” 'रुबाइयाँ' की उपर्युक्त पंक्तियों में बालक की कौन सी विशेषता अभिव्यक्त हुई है? - Hindi (Core)

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प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए:

“आँगन में ठुनक रहा है जिदयाया है
बालक तो हई चाँद पै ललचाया है”

'रुबाइयाँ' की उपर्युक्त पंक्तियों में बालक की कौन सी विशेषता अभिव्यक्त हुई है?

लघु उत्तर

उत्तर

रुबाइयों की इन पंक्तियों में बाल मनोविज्ञान की झलक मिलती है। बच्चों की स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है कि वे किसी भी चीज़ या बात पर ज़िद करते हैं और अपनी ज़िद पूरी होने तक मचलते रहते हैं। इस दौरान माता-पिता उन्हें शांत करने और बहलाने की कोशिश करते हैं। कविता में भी माँ बच्चे को दर्पण में चाँद का प्रतिबिंब दिखाकर उसे बहलाने का प्रयास करती है।

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2021-2022 (April) Term 2 - Outside Delhi Set 1
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