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प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए:
'लक्ष्मण-मूर्च्छा और राम का विलाप' प्रसंग के आधार पर बताइए कि पंख के बिना पक्षी और सूँड के बिना हाथी की क्या दशा होती है? कविता में इनका उल्लेख क्यों किया गया है?
लघु उत्तर
उत्तर
पक्षी का जीवन पंखों के बिना असहाय हो जाता है, जैसे सूँड के बिना हाथी की स्थिति दयनीय हो जाती है। इसी प्रकार, राम को भी लक्ष्मण के बिना अपना जीवन निरर्थक और अधूरा लगता है। राम के लिए लक्ष्मण उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितना पंख पक्षी के लिए, मणि साँप के लिए और सूँड हाथी के लिए। उनके बिना जीवन शून्य के समान हो जाता है।
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या प्रश्नात किंवा उत्तरात काही त्रुटी आहे का?