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अन्य संत कवियों नानक, दादू और रैदास आदि के ईश्वर संबंधी विचारों का संग्रह करें और उन पर एक परिचर्चा करें। - Hindi (Core)

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प्रश्न

अन्य संत कवियों नानक, दादू और रैदास आदि के ईश्वर संबंधी विचारों का संग्रह करें और उन पर एक परिचर्चा करें।

थोडक्यात उत्तर

उत्तर

कबीर की भाँति नानक, दादू और रैदास भी निराकार ब्रह्म के उपासक थे। नानक सिक्खों के धर्म गुरु भी थे। अतः उनकी स्चनाएँ गुरुग्रंथ साहब में संकलित हैं। उनके विचार बिलकुल कबीर के समान ही थे –
एक नूर से सब जग उपज्या,
कुदरत दे सब बंदे। – नानक
इसी तरह दादू और रैदास भी ईश्वर को निराकार मानकर मन की शुद्धता पर बल देते हैं
प्रभुजी तुम चंदन हम पानी,
जाकी अंग अंग बास समानी। – रैदास
रैदास मीरा के समकालीन कवि माने जाते हैं। वे भी ब्रह्म को निराकार मानकर मनुष्य से उसका संबंध अभिन्न मानते हैं।

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हम तौ एक एक करि जांनां।
  या प्रश्नात किंवा उत्तरात काही त्रुटी आहे का?
पाठ 2.01: हम तौ एक एक करि जांनां।, संतों देखत जग बौराना। - अभ्यास [पृष्ठ १३२]

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एनसीईआरटी Hindi - Aaroh Class 11
पाठ 2.01 हम तौ एक एक करि जांनां।, संतों देखत जग बौराना।
अभ्यास | Q 1. | पृष्ठ १३२

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