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'ज्ञानी' से कवयित्री का क्या अभिप्राय है? - Hindi Course - A

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प्रश्न

'ज्ञानी' से कवयित्री का क्या अभिप्राय है?

टीपा लिहा

उत्तर

यहाँ कवयित्री ने ज्ञानी से अभिप्राय उस ज्ञान को लिया है जो आत्मा व परमात्मा के सम्बन्ध को जान सके ना कि उस ज्ञान से जो हम शिक्षा द्वारा अर्जित करते हैं। कवयित्री के अनुसार भगवान कण-कण में व्याप्त हैं पर हम उसको धर्मों में विभाजित कर मंदिरों व मस्जिदों में ढूँढते हैं। जो अपने अन्त:करण में बसे ईश्वर के स्वरुप को जान सके वही ज्ञानी कहलाता है और वहीं उस परमात्मा को प्राप्त करता है। तात्पर्य यह है कि ईश्वर को अपने ही हृदय में ढूँढना चाहिए और जो उसे ढूँढ लेते हैं वही सच्चे ज्ञानी हैं।

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पद्य (Poetry) (Class 9 A)
  या प्रश्नात किंवा उत्तरात काही त्रुटी आहे का?
पाठ 10: वाख - प्रश्न अभ्यास [पृष्ठ ९८]

APPEARS IN

एनसीईआरटी Hindi - Kshitij Part 1 Class 9
पाठ 10 वाख
प्रश्न अभ्यास | Q 7 | पृष्ठ ९८

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