मराठी
महाराष्ट्र राज्य शिक्षण मंडळएस.एस.सी (हिंदी माध्यम) इयत्ता १० वी

‘जैसी करनी वैसी भरनी’ इस कहावत के आधार पर कहानी लिखिए। - Hindi [हिंदी]

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प्रश्न

‘जैसी करनी वैसी भरनी’ इस कहावत के आधार पर कहानी लिखिए।

थोडक्यात उत्तर

उत्तर

जैसी करनी वैसी भरनी

एक बार की बात है। जंगल में एक लोमड़ी किसी शिकारी के जाल में फंस गई। वह दर्द से कराह रही थी। उसने अपने बहुत कोशिश की लेकिन उसे और भी ज्यादा दर्द हो रहा था। लोमड़ी की चीखती हुई आवाज पास में ही एक तालाब में एक बगुले को सुनाई दी। बगुला उड़ते हुए उसके पास पहुँचा और अपनी लंबी चोंच से बार बार जाल पर मारकर तोड़ दिया।

इससे लोमड़ी शिकारी जाल से आजाद हो गई। लोमड़ी ने उस बगुले को धन्यवाद किया और बगुले से बोली, तुमने आज मेरी जान बचाई है। दोस्त क्या तुम आज शाम को मेरे घर पर खाना खाने आओगे। बगुले ने जवाब दिया हाँ दोस्त जरुर में आज शाम को तुम्हारे घर आ जाऊँगा।

शाम हुई। बगुला लोमड़ी के घर के रास्ते चल पड़ा। थोड़ी देर बाद वह लोमड़ी के घर पहुँच गया। लोमड़ी ने बगुले का अभिवादन किया और बैठाया और बोला कि, दोस्त तुम यहाँ बैठो में खाना लेकर आता हूँ। अब आपको तो पता है कि लोमड़ी बड़ी चालक होती है। उस लोमड़ी ने आज बगुले के साथ मजाक करने की सोची। लोमड़ी ने जानबुझकर दोनों के लिए खाना थाली में परोसा।

लोमड़ी ने तो थाली में रखा खाना खा लिया। लेकिन भला बगुला कैसे थाली में खाना खाता। उस शाम बिचारा बगुला भूखा ही रह गया। बगुला लोमड़ी के किए पर शांत रहा और लोमड़ी को बोला दोस्त तुमने बहुत अच्छी तरह से मेहमाननवाजी की है। कृपया मुझे भी मेहमाननवाजी का मौका दीजिए।

इस तरह बगुले ने भी लोमड़ी को दावत पर बुलाया। लोमड़ी बड़ी खुश हुई। लोमड़ी रास्ते में सोचने लगी आज तो डबल डबल दावत खाने को मिल रहा है क्या बात है। आज तो मजा ही आ गया। लोमड़ी बगुले के यहाँ पहुँची। बगुले ने उसी तरह लोमड़ी का अभिवादन किया और बैठाया और बोला दोस्त तुम यही बैठो में खाना लगाता हूँ। बगुले ने लोमड़ी से अपना बदला लेने की सोची। उसने भी जानबुझकर दोनों के लिए एक सुराही में खाना लगाया।

भाई बगुले ने तो आसानी से सुराही में चोंच डालकर दावत का मजा ले लिया। लेकिन इसबार बेचारी लोमड़ी भूखी ही रह गई। क्योंकि उसका मुहँ सुराही में जा ही नही रहा था। तब लोमड़ी को इस बात का अहसास हुआ कि जैसे मैंने बगुले के साथ किया था वह मेरी भी साथ हुआ और लोमड़ी ने बगुले से माफ़ी माँगी। अब लोमड़ी को समझ में आ गया कि जैसी करनी वैसी भरनी।

सीख: जो दूसरों के साथ बुरा व्यवहार करता है, उसके साथ वैसा ही व्यवहार किया जाता है। अतः किसी के साथ बुरा व्यवहार नहीं करना चाहिए।

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कहानी लेखन
  या प्रश्नात किंवा उत्तरात काही त्रुटी आहे का?
पाठ 1.05: भाषा का प्रश् - उपयोजित लेखन [पृष्ठ २६]

APPEARS IN

बालभारती Hindi - Kumarbharati 10 Standard SSC Maharashtra State Board
पाठ 1.05 भाषा का प्रश्
उपयोजित लेखन | Q १. | पृष्ठ २६

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निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर कहानी लिखिए तथा उसे उचित शीर्षक देकर उससे प्राप्त होने वाली सीख भी लिखिए:

एक लड़की ______ विद्‌यालय में देरी से पहुँचना ______ शिक्षक द्‌वारा डाँटना ______ लड़की का मौन रहना ______ दूसरे दिन समाचार पढ़ना ______ लड़की को गौरवान्वित करना।


मुद्दों के आधार पर कहानी लेखन कीजिए :

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शब्‍दों के आधार पर कहानी लिखिए:

थैली, जल, तस्‍वीर, अँगूठी 


निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर लगभग ७० से ८० शब्दों में कहानी लिखकर उचित शीर्षक दीजिए तथा सीख लिखिए:

एक गाँव – पीने के पानी की समस्या – दूर-दूर से पानी लाना – सभी लोग परेशान – सभा का आयोजन – मिलकर श्रमदान का निर्णय – दूसरे दिन से – केवल एक आदमी – काम में जुटना – धीरे-धीरे एक-एक का आना – सारा गाँव श्रमदान में – गाँव के तालाब की सफाई – कीचड़, प्लास्टिक निकालना – बरसात में तालाब का स्वच्छ पानी से भरना।


निम्नलिखित शब्दों के आधार पर लगभग 70 से 80 शब्दों में कहानी लिखिए तथा उचित शीर्षक दीजिए:

भिखारी – भीख माँगना – एक व्यक्ति का रोज देखना – फूलों का गुच्छा देना – भिखारी का फूल बेचना – मंदिर के सामने दुकान खोलना।


कहानी लेखन-

निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर 70 से 80 शब्दों में कहानी लिखकर उचित शीर्षक दीजिए तथा सीख लिखिए-

एक आदमी ---- भगवान ---- वरदान दिया ---- जन्म लिया। छोटा ---- हवा का झोंका ---- रात ---- तारे अच्छे लगते ---- बातें ---- दोनों की दोस्ती ---- फलदाब पेड़ ---- फल ---- तारे को भेजा, ---- प्रसल हुआ ---- खुश रहने लगे ---- मित्रता इसी प्रकार निभानी चाहिए।


निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर 70 से 80 शब्दों में कहानी लिखकर उसे उचित शीर्षक दीजिए तथा सीख लिखिए।

एक गाँव – पीने के पानी की समस्या – दूर-दूर से पानी लाना – सभी परेशान – सभा का आयोजन – मिलकर श्रमदान का निर्णय – दूसरे दिन से केवल एक आदमी का काम में जुटना – धीरे-धीरे एक-एक – का आना – सारा गाँव श्रमदान में – तालाब की खुदाई – बरसात के दिनों जमकर बारिश – तालाब का भरना – सीख।


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सुवचन पर आधारित कहानी लेखन कीजिए।

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