Advertisements
Advertisements
प्रश्न
प्रदत्तम् उदाहरणम् अनुसृत्य षष्ठीविभक्तिम् उपयुज्य पञ्च वाक्यानि लिखत।
उदाहरणम् –
1. अहं विद्यायाः महत्त्वं जानामि।
2. कृषकस्य क्षेत्र हरितम् अस्ति।
उत्तर
1. सः धनस्य अर्जन करोति।
2. रामः वृद्धस्य सेवां करोति।
3. अहं वेदस्य पाठं करोमि।
4. जनाः मातुः वार्ता मन्येरन्।
5. कर्मफलाना ज्ञाता ईश्वरः एवास्ति।
APPEARS IN
संबंधित प्रश्न
उदाहरणानुसारं सार्थक पदं लिखत –
वा | रः | न |
उदाहरणानुसारं सार्थक पदं लिखत –
शा | खा | सु |
उचितपदेन रिक्तस्थानानि पूरयत –
गृहे आनन्दमयं वातावरण ______ भवति।
अधोलिखितश्लोकेभ्यः तृतीयाविभक्तियुक्तपदानि चित्वा लिखत –
मनसा चिन्तितं कार्य वाचा नैव प्रकाशयेत्।
मन्त्रेण रक्षयेद् गूढ कार्ये चाऽपि नियोजयेत्।।
______ | ______ | ______ |
अधोलिखितश्लोकेभ्यः तृतीयाविभक्तियुक्तपदानि चित्वा लिखत –
पुत्राश्च विविधैः शीलैंर्नियोज्याः सततं बुधैः।
नीतिज्ञाः शीलसम्पन्ना भवन्ति कुलपूजिताः।
______ | ______ | ______ |
तृतीया-बहुवचनशब्दानां रचनां कुरुत –
घटात् चतुर्थी-विभक्तियुक्तपदानि चित्वा उचितकोष्ठके लिखत –
एकवचन | द्विवचनम | बहुवचनम |
______ | ______ | ______ |
______ | ______ | ______ |
______ | ______ | ______ |
______ | ______ | ______ |
______ | ______ | ______ |
______ |
कोष्ठकात् उचितं पदं चित्वा लिखत –
जनाः ______ किं किं न कुर्वन्ति।
चतुर्थी-विभक्तियुक्तपदानि स्थूलरेखया चिह्नतानि कुरुत पृथक्तया लिखत च –
विद्या विवादाय धनं मदाय।
कोष्ठके प्रदत्तशब्दैः सह उचितविभक्तिं प्रयुज्य रिक्तस्थानानि पूरयत।
______ मा प्रमदः। (स्वाध्याय)
पंचमीविभक्तियुक्तपदं उदाहरणानुसारं चिह्नितं कुरुत –
यथा- काष्ठात् अग्निः जायते मध्यमानात्।
दोषक्षयोऽग्निवृद्धिश्च व्यायामादुपजायते।
उदाहरणानुसारं लिखत –
शब्दः | विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
यथा- सैनिकः | पञ्चमी | सैनेकात | सैनेकाभ्याम् | सैनेकेभ्यः |
मनुष्यः | ______ | ______ | ______ | ______ |
उदाहरणानुसारं लिखत –
शब्दः | विभक्तिः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
यथा- मित्रम् | पञ्चमी | मित्रम् | मित्राभ्याम् | मित्रेभ्यः |
गात्रम् | ______ | ______ | ______ | ______ |
कोष्ठकात् उचितं पदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत –
अद्य चिकित्सालयेषु ______ संख्या प्रतिदिनं वर्धते।
षष्ठीविभक्तियुक्तपदानि चित्वा लिखत –
मानो हि महतां धनम्।
षष्ठीविभक्तियुक्तपदानि चित्वा लिखत –
नरस्याभरणं रूपं रूपस्याभरणं गुण:।
गुणास्याभरणं ज्ञानं ज्ञानस्याभरणं क्षमा।।
______ | ______ | ______ | ______ |
उदाहरणानुसारं लिखत –
यथा-
नर | ||
नरस्य | नर्योः | नराणां |
क्षमा | ||
______ | ______ | ______ |
उदाहरणमनुसृत्य अधोलिखितान् कोष्ठकान् यथायोग्यपदैः पूरयत –
यथा- जन
जने | जन्योः | जनेषु |
विद्वत्
______ | ______ | ______ |