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Question
‘आदमी से भूलचूक होती ही है’, इसपर अपने विचार लिखिए।
Solution
मनुष्य के पास गलतियाँ करने की एक सकारात्मक क्षमता है, वह है गलतियाँ करना। यही एकमात्र क्षमता है जिसके कारण सभी मनुष्यों ने प्रगति की है। यह मनुष्य के स्वभाव में डाल दिया जाता है, तो यह क्षमता और गलती करने की क्षमता प्रकृति ने मनुष्य को उपहार में दी है। यह क्षमता मनुष्य को ही ईश्वर ने प्रदान की है। तो यह आदमी प्रगति कर रहा है और 'परीक्षण और त्रुटि' द्वारा नई और नई चीजों का आविष्कार कर रहा है। जीवन में हमारे सामने अधिक विकल्प होते हैं। शुरुआत में ही सबसे अच्छे को चुनना मुश्किल हो जाता है। यदि हम कोई गलती नहीं कर पाते तो हम कभी भी प्रगति नहीं कर पाते और शायद अब भी पशुओं की तरह जीवन व्यतीत कर रहे होते। लेकिन गलती करने की इस क्षमता के कारण ही हमें जीवन में उन्नति मिली है। यदि मनुष्य कंप्यूटर को खुली छूट दे तो वे हमें अधिक से अधिक गलतियों से अवगत करा सकते हैं और हम अतीत से अधिक प्रगति कर सकते हैं।
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संजाल पूर्ण कीजिए:
होरी की आँखों में वह हीरा था जो ______
होरी अँधेरे मुँह उठा तो देखता है कि ______
परिच्छेद में आए हुए शरीर के किसी एक अंग पर प्रयुक्त मुहावरा लिखिए।
‘हीरा तो जैसे संसार ही से चला गया।’ ‘मेरा मन तो कहता है कि वह आवेगा, कभी-न-कभी जरूर।’ दोनों सोए। होरी अँधेरे मुँह उठा तो देखता है कि हीरा सामने खड़ा है, बाल बढ़े हुए, कपड़े तार-तार, मुहँ सूखा हुआ, देह में रक्त और मांस का नाम नहीं, जैसे कद भी छोटा हो गया है। दौड़कर होरी के कदमों में गिरा पड़ा। होरी ने उसे छाती से लगाकर कहा- ‘‘तुम तो बिलकुल घुल गए हीरा! कब आए? आज तुम्हारी बार-बार याद आ रही थी। बीमार हो क्या?’’ आज उसकी आँखों में वह हीरा न था, जिसने उसकी जिंदगी तल्ख कर दी थी; बल्कि वह हीरा था, जो मॉं-बाप का छोटा-सा बालक था। बीच के ये पचीस-तीस साल जैसे मिट गए, उनका कोई चिह्न भी नहीं था। हीरा ने कुछ जवाब न दिया। खड़ा रो रहा था। होरी ने उसका हाथ पकड़कर गद्गद कंठ से कहा- ‘‘क्यों रोते हो भैया, आदमी से भूलचूक होती ही है। कहॉं रहा इतने दिन?’’ |
‘होरी के जीवन में ‘परिवार और गाय’ दो ही शीर्षस्थ थे,’ सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
सूचनानुसार कृतियाँ कीजिए:-
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देहदान की संकल्पना स्पष्ट करते हुए उसका महत्व बताइए।