Advertisements
Advertisements
Question
आफ़ंती के बारे में कुछ वाक्य लिखो। तुम उसके कपड़ों, शक्ल-सूरत, पालतू पशु, बुद्धि आदि के बारे में बता सकती हो।
Solution
आफंती ने जोकरों वाले कपड़े पहन रखे थे। उसकी शक्ल-सूरत भी जोकर जैसी थी। उसके चेहरे पर दाढ़ी-मूँछें और सिर पर टोपी थी।उसने गधा पाल रखा था। जिसकी बुद्धि बड़ी तेज थी। वह शारीरिक शक्ति के अपेक्षा बुद्धि से काम लेता था। वह बहुत समझदार सयाना था।
APPEARS IN
RELATED QUESTIONS
नीचे के वाक्य में कुछ हरी-भरी सब्ज़ि का नाम छुपा हैं। ढूँढ़ो तो ज़रा –
अब भागो भी, बारिश होने लगी है।
नीचे के वाक्य में कुछ हरी-भरी सब्ज़ि का नाम छुपा हैं। ढूँढ़ो तो ज़रा –
मामू लीला मौसी कहाँ है?
नीचे के वाक्य में कुछ हरी-भरी सब्ज़ि का नाम छुपा हैं। ढूँढ़ो तो ज़रा –
गोपाल कबूतर उड़ा दो।
चित्र को देखो। क्या इसे देखकर तुम्हें कुछ मुहावरा या कहावत याद आती हैं? उन्हें लिखो।
![]() |
अँधेरा |
________________________ |
चित्र को देखो। क्या इसे देखकर तुम्हें कुछ मुहावरा या कहावत याद आती हैं? उन्हें लिखो।
![]() |
आस्तीन |
____________________ |
सही जोड़ो मिलाओ।
चित्र को देखो। क्या इसे देखकर तुम्हें कुछ मुहावरा या कहावत याद आती हैं? उन्हें लिखो।
![]() |
ग्यारह |
__________________ |
विद्यालय, गुरुजी, छुट्टी, बंदर, डंडा, पेड़, केला, ताली, बच्चे, भूख। इन शब्दों को पढ़कर तुम्हारे मन में कुछ बातें आई होंगी। इन सब चीज़ों के बारे में एक छोटी-सी कहानी बनाओ और अपने साथियों को सुनाओ।
एक रुमाल या कोई छोटा-सा कपड़ा उछालकर देखो। किसका रुमाल सबसे ऊँचा उछलता है?
रंगाई शब्द रंग से बना है। इसी तरह और शब्द बनाओ –
रंग |
रंगाई |
साफ़ |
______ |
चढ़ |
______ |
बुन |
______ |
जिन शब्द के नीचे रेखा खिंची है, उसका मतलब बताओ –
सेठ बुलंद आवाज़ में बोला।
दिन – दीन मेला – मैला।
ऊपर दिए गए शब्दों के जोड़ों में केवल एक मात्रा बदली गई है। किसी भी मात्रा को बदलने से अर्थ भी बदल जाता है। ऐसे और जोड़े बनाओ। देखें, कौन सबसे ज़्यादा जोड़े ढूँढ़ पाता है।
______ | ______ |
______ | ______ |
______ | ______ |
______ | ______ |
कब आऊँ वाले किस्से को चित्रकथा के रूप में लिखो।
कभी-कभी हम अपनी बात करते हुए ऐसे शब्द भी बोल देते हैं, जिनकी कोई ज़रूरत नहीं होती। इसी तरह इस वाक्य में कुछ शब्द फ़ालतू हैं। उसे ढूँढ़कर अलग करो –
बाज़ार से हरा धनिया पत्ती भी ले आना।
कभी-कभी हम अपनी बात करते हुए ऐसे शब्द भी बोल देते हैं, जिनकी कोई ज़रूरत नहीं होती। इसी तरह इस वाक्य में कुछ शब्द फ़ालतू हैं। उसे ढूँढ़कर अलग करो –
ज़ेबा, बगीचे से दो ताज़े नीबू तोड़ लो।
कभी-कभी हम अपनी बात करते हुए ऐसे शब्द भी बोल देते हैं, जिनकी कोई ज़रूरत नहीं होती। इसी तरह इस वाक्य में कुछ शब्द फ़ालतू हैं। उसे ढूँढ़कर अलग करो –
बेकार की फ़ालतू बात मत करो।