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कब आऊँ वाले किस्से को चित्रकथा के रूप में लिखो। - Hindi (हिंदी)

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Question

कब आऊँ वाले किस्से को चित्रकथा के रूप में लिखो।

One Line Answer

Solution

इस प्रश्न का उत्तर छात्रों ने स्वयं चित्र बनाकर करना है।

shaalaa.com
कब आऊँ
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Chapter 9: कब आऊँ - कब आऊँ [Page 73]

APPEARS IN

NCERT Hindi - Rimjhim Class 3
Chapter 9 कब आऊँ
कब आऊँ | Q 1. | Page 73

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सेठ ने किस रंग में कपड़ा रंगने को कहा?


अवंती ने कपड़ा अलमारी में बंद कर दिया। क्यों?


नीचे के वाक्य में कुछ हरी-भरी सब्ज़ि का नाम छुपा हैं। ढूँढ़ो तो ज़रा –

मामू लीला मौसी कहाँ है?


नीचे के वाक्य में कुछ हरी-भरी सब्ज़ि का नाम छुपा हैं। ढूँढ़ो तो ज़रा –

शीला के पास बैग नहीं है।


नीचे के वाक्य में कुछ हरी-भरी सब्ज़ि का नाम छुपा हैं। ढूँढ़ो तो ज़रा –

रानी बोली – हमसे मत बोलो।


नीचे के वाक्य में कुछ हरी-भरी सब्ज़ि का नाम छुपा हैं। ढूँढ़ो तो ज़रा –

गोपाल कबूतर उड़ा दो।


चित्र को देखो। क्या इसे देखकर तुम्हें कुछ मुहावरा या कहावत याद आती हैं? उन्हें लिखो।

  अँधेरा
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चित्र को देखो। क्या इसे देखकर तुम्हें कुछ मुहावरा या कहावत याद आती हैं? उन्हें लिखो।

आरसी
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चित्र को देखो। क्या इसे देखकर तुम्हें कुछ मुहावरा या कहावत याद आती हैं? उन्हें लिखो।

आस्तीन
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सही जोड़ो मिलाओ।


जिन शब्द के नीचे रेखा खिंची है, उसका मतलब बताओ –

मुझे बैंगनी रंग कतई अच्छा नहीं लगता।


जिन शब्द के नीचे रेखा खिंची है, उसका मतलब बताओ –

सेठ बुलंद आवाज़ में बोला।


जिन शब्द के नीचे रेखा खिंची है, उसका मतलब बताओ –

सेठ को ईर्ष्या होने लगी।


जिन शब्द के नीचे रेखा खिंची है, उसका मतलब बताओ –

रंग के बारे में मेरी कोई खास पसंद तो है नहीं।


आफ़ंती के बारे में कुछ वाक्य लिखो। तुम उसके कपड़ों, शक्ल-सूरत, पालतू पशु, बुद्धि आदि के बारे में बता सकती हो।


दिन – दीन     मेला – मैला।

ऊपर दिए गए शब्दों के जोड़ों में केवल एक मात्रा बदली गई है। किसी भी मात्रा को बदलने से अर्थ भी बदल जाता है। ऐसे और जोड़े बनाओ। देखें, कौन सबसे ज़्यादा जोड़े ढूँढ़ पाता है।

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कभी-कभी हम अपनी बात करते हुए ऐसे शब्द भी बोल देते हैं, जिनकी कोई ज़रूरत नहीं होती। इसी तरह इस वाक्य में कुछ शब्द फ़ालतू हैं। उसे ढूँढ़कर अलग करो –

अरे! रस में इतनी सारी ठंडी बर्फ़ क्यों डाल दी?


कभी-कभी हम अपनी बात करते हुए ऐसे शब्द भी बोल देते हैं, जिनकी कोई ज़रूरत नहीं होती। इसी तरह इस वाक्य में कुछ शब्द फ़ालतू हैं। उसे ढूँढ़कर अलग करो –

बेकार की फ़ालतू बात मत करो।


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