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आज जनजातीय पहचानों के लिए जो दावा किया जा रहा है, उसके पीछे क्या कारण है? - Sociology (समाजशास्त्र)

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Question

आज जनजातीय पहचानों के लिए जो दावा किया जा रहा है, उसके पीछे क्या कारण है?

Long Answer

Solution

  • जनजातीय समुदायों का मुख्यधारा की प्रक्रिया में बलात् समावेश को प्रभाव जनजातीय संस्कृति तथा समाज पर ही नहीं, अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। आज जनजातीय पहचान का निर्माण अंत:क्रिया की प्रक्रियाओं द्वारा हो रहा है।
  • अंत:क्रिया की प्रक्रिया का जनजातियों के अनुकूल नहीं होने के कारण आज अनेक जनजातियाँ गैरजनजातीय जगत् की प्रचंड शक्तियों के प्रतिरोध की विचारधारा पर आधारित हैं।
  • झारखंड तथा छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के गठन के कारण जो सकारात्मक असर पड़ा, वह सतत् समस्याओं के कारण नष्ट हो गया। पूर्वोत्तर राज्यों के बहुत से नागरिक एक विशेष कानून के अंतर्गत रह रहे हैं, जिसमें उनके नागरिक अधिकारों को सीमित कर दिया गया है। समस्त विद्रोह के दमन । के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कठोर कदम तथा फिर उनसे भड़के विद्रोहों के दुष्चक्र ने पूर्वोत्तर राज्यों की अर्थव्यवस्था, संस्कृति और समाज को भारी हानि पहुँचाई है।
  • शनैः-शनैः उभरते हुए शिक्षित मध्यम वर्ग ने आरक्षण की नीतियों के साथ मिलकर एक नगरीकृत व्यावसायिक वर्ग का निर्माण किया है, क्योंकि जनजातीय समाज में विभेदीकरण तेजी से बढ़ रहा है, विकसित तथा अन्य के बीच विभाजन भी बढ़ रहा है। जनजातीय पहचान के नवीनतम आधार विकसित हो रहे हैं।
  • इन मुद्दों को हम दो प्रकार से वर्गीकृत कर सकते हैं। पहला भूमि तथा जंगल जैसे महत्त्वपूर्ण आर्थिक संसाधनों पर नियंत्रण से संबंधित है, दूसरा मुद्दा जातीय संस्कृति की पहचान को लेकर है।
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जनजातीय समुदाय
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Chapter 3: सामाजिक संस्थाएँ : निरंतरता एवं परिवर्तन - प्रश्नावली [Page 63]

APPEARS IN

NCERT Sociology [Hindi] Class 12
Chapter 3 सामाजिक संस्थाएँ : निरंतरता एवं परिवर्तन
प्रश्नावली | Q 7. | Page 63
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