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अगर आपको भारत की विदेश निति के बारे में फैसला लेने को कहा जाए तो आप इसकी किन दो बातों को बदलना चाहेंगे। - Political Science (राजनीति विज्ञान)

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Question

अगर आपको भारत की विदेश निति के बारे में फैसला लेने को कहा जाए तो आप इसकी किन दो बातों को बदलना चाहेंगे। ठीक इसी तरह यह भी बताएँ की भारत की विदेश निति के किन दो पहलुओं को आप बरकरार रखना चाहेंगे। अपने उत्तर के समर्थन में तर्क दीजिए।

Answer in Brief

Solution

  1. मैं गुटनिरपेक्ष आंदोलन की सदस्यता को त्याग कर संयुक्त राज्य अमेरिका और पशिचमी योरोपीय देशों के साथ अधिक मित्रता बढ़ाना चाहूँगा। इसका कारण यह है की आज दुनिया में पशिचमी देशों की मनमानी चलती है और वे ही शक्ति संपन्न हैं। परन्तु साथ ही उसके साथ खास रिश्ता बनाए रखूँगा।
  2. पड़ोसी देशों के साथ वर्तमान की ढुलमुल विदेश निति को बदलकर एक आक्रमकता निति अपनाऊँगा। पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाने का प्रयास करूँगा, परन्तु आक्रमक निति के तहत।
  • जिन दो पहलुओं को बराबर रखुँगा वे निम्नलिखित हैं।
  1. सी.टी.बी.टी. के बारे में वर्तमान दृष्टिकोण को और परमाणु निति की वर्तमान निति को बनाए रखूँगा
  2. संयुक्त राष्ट्र संघ की सदस्यता को बराबर रखना चाहूँगा और विश्व बैंक तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से पूर्ववत सहयोग बरकरार रखना चाहूँगा।
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गुटनिरपेक्षता की नीति
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Chapter 4: भारत के विदेश संबंध - प्रश्नावली [Page 80]

APPEARS IN

NCERT Political Science [Hindi] Class 12
Chapter 4 भारत के विदेश संबंध
प्रश्नावली | Q 5. | Page 80

RELATED QUESTIONS

इस बयान के आगे सही या गलत का निशान लगाएँ:

गुटनिरपेक्षता की निति अपनाने के कारण भारत, सोवियत संघ और संयुक्त राज्य अमरीका, दोनों की सहायता हासिल कर सका।


इस बयान के आगे सही या गलत का निशान लगाएँ:

अपने पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंध शुरुआत से ही तनावपूर्ण रहे।


निम्नलिखित का सही जोड़ा मिलाएँ:

(क) 1950 - 64 के दौरान भारत की विदेश निति का लक्ष्य (i) तिब्बत के धार्मिक नेता जो सीमा पार कर के भारत चले आए।
(ख) पंचशील (ii) क्षेत्रीय अंखडता और संप्रभुता की रक्षा तथा आर्थिक विकास।
(ग) बांडुंग सम्मेलन (iii) शांतिपूर्ण सह - अस्तित्व के पाँच सिद्धांत।
(घ) दलाई लामा (iv) इसकी परिणति गुटनिरपेक्ष आंदोलन में हुई।

नेहरू विदेश निति के संचालन को स्वतंत्रता का एक अनिवार्य संकेतक क्यों मानते थे? अपने उत्तर में दो कारण बताएँ और उनके पक्ष में उदाहरण भी दें।


किस राष्ट्र का राजनीतिक नेतृत्व किस तरह उस राष्ट्र की विदेश निति पर असर डालता है? भारत की विदेश निति के उदाहरण देते हुए इस प्रश्न पर विचार कीजिए।


निम्नलिखित अवतरण को पढ़ें और इसके आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

गुटनिरपेक्ष का व्यापक अर्थ है अपने को किसी भी सैन्य गुट में शामिल नहीं करना इसका अर्थ होता है चीजों को यथासंभव सैन्य दृष्टिकोण से न देखना और इसकी कभी जरूरत आन पड़े तब भी किसी सैन्य गुट के नज़रिए को अपनाने की जगह स्वतंत्र रूप से स्थिति पर विचार करना तथा सभी देशों के साथ रिश्ते कायम करना

- जवाहरलाल नेहरू

  1. नेहरू सैन्य गुटों से दुरी क्यों बनाना चाहतें थे?
  2. क्या आप मानते हैं की भारत - सोवियत मैत्री की संधि से गुटनिरपेक्ष के सिद्धांतों का उललंघन हुआ? अपने उत्तर के समर्थन में तर्क दीजिए।
  3. अगर सैन्य - गुट न होते तो क्या गुटनिरपेक्षता की निति बेमानी होती?

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