Advertisements
Advertisements
Question
इस बयान के आगे सही या गलत का निशान लगाएँ:
अपने पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंध शुरुआत से ही तनावपूर्ण रहे।
Options
सही
गलत
Solution
गलत
APPEARS IN
RELATED QUESTIONS
इस बयान के आगे सही या गलत का निशान लगाएँ:
गुटनिरपेक्षता की निति अपनाने के कारण भारत, सोवियत संघ और संयुक्त राज्य अमरीका, दोनों की सहायता हासिल कर सका।
निम्नलिखित का सही जोड़ा मिलाएँ:
(क) | 1950 - 64 के दौरान भारत की विदेश निति का लक्ष्य | (i) | तिब्बत के धार्मिक नेता जो सीमा पार कर के भारत चले आए। |
(ख) | पंचशील | (ii) | क्षेत्रीय अंखडता और संप्रभुता की रक्षा तथा आर्थिक विकास। |
(ग) | बांडुंग सम्मेलन | (iii) | शांतिपूर्ण सह - अस्तित्व के पाँच सिद्धांत। |
(घ) | दलाई लामा | (iv) | इसकी परिणति गुटनिरपेक्ष आंदोलन में हुई। |
नेहरू विदेश निति के संचालन को स्वतंत्रता का एक अनिवार्य संकेतक क्यों मानते थे? अपने उत्तर में दो कारण बताएँ और उनके पक्ष में उदाहरण भी दें।
अगर आपको भारत की विदेश निति के बारे में फैसला लेने को कहा जाए तो आप इसकी किन दो बातों को बदलना चाहेंगे। ठीक इसी तरह यह भी बताएँ की भारत की विदेश निति के किन दो पहलुओं को आप बरकरार रखना चाहेंगे। अपने उत्तर के समर्थन में तर्क दीजिए।
किस राष्ट्र का राजनीतिक नेतृत्व किस तरह उस राष्ट्र की विदेश निति पर असर डालता है? भारत की विदेश निति के उदाहरण देते हुए इस प्रश्न पर विचार कीजिए।
निम्नलिखित अवतरण को पढ़ें और इसके आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
गुटनिरपेक्ष का व्यापक अर्थ है अपने को किसी भी सैन्य गुट में शामिल नहीं करना इसका अर्थ होता है चीजों को यथासंभव सैन्य दृष्टिकोण से न देखना और इसकी कभी जरूरत आन पड़े तब भी किसी सैन्य गुट के नज़रिए को अपनाने की जगह स्वतंत्र रूप से स्थिति पर विचार करना तथा सभी देशों के साथ रिश्ते कायम करना
- जवाहरलाल नेहरू
- नेहरू सैन्य गुटों से दुरी क्यों बनाना चाहतें थे?
- क्या आप मानते हैं की भारत - सोवियत मैत्री की संधि से गुटनिरपेक्ष के सिद्धांतों का उललंघन हुआ? अपने उत्तर के समर्थन में तर्क दीजिए।
- अगर सैन्य - गुट न होते तो क्या गुटनिरपेक्षता की निति बेमानी होती?