English

अज्ञानी गुरुओं की शरण में जाने पर शिष्यों की क्या गति होती है? - Hindi (Core)

Advertisements
Advertisements

Question

अज्ञानी गुरुओं की शरण में जाने पर शिष्यों की क्या गति होती है?

Answer in Brief

Solution

अज्ञानी गुरुओं की शरण में जाने पर शिष्यों का उपकार नहीं होता अपितु ऐसे गुरु शिष्यों को गलत रास्ते दिखाते हैं। वे घर-घर मंत्र देते फिरते हैं तथा अभिमान में डूबे जाते हैं। अभिमान के कारण ये ईश्वर को प्राप्त नहीं कर पाते और दोनों का अंत बुरा होता है।

shaalaa.com
हम तौ एक एक करि जांनां।
  Is there an error in this question or solution?
Chapter 2.01: हम तौ एक एक करि जांनां।, संतों देखत जग बौराना। - अभ्यास [Page 132]

APPEARS IN

NCERT Hindi - Aaroh Class 11
Chapter 2.01 हम तौ एक एक करि जांनां।, संतों देखत जग बौराना।
अभ्यास | Q 7. | Page 132

RELATED QUESTIONS

कबीर की दृष्टि में ईश्वर एक है। इसके समर्थन में उन्होंने क्या तर्क दिए हैं?


मानव शरीर का निर्माण किन पंच तत्वों से हुआ है?


जैसे बाढ़ी काष्ट ही काटै अगिनि न काटै कोई।
सब घटि अंतरि तूँही व्यापक धरै सरूपै सोई॥

इसके आधार पर बताइए कि कबीर की दृष्टि में ईश्वर का क्या स्वरूप है?


कबीर ने अपने को दीवाना क्यों कहा है?


कबीर ने ऐसा क्यों कहा है कि संसार बौरा गया है?


कबीर ने नियम और धर्म का पालन करनेवाले लोगों की किन कमियों की ओर संकेत किया है?


बाह्याडंबरों की अपेक्षा स्वयं (आत्म) को पहचानने की बात किन पंक्तियों में कही गई है? उन्हें अपने शब्दों में लिखें।


अन्य संत कवियों नानक, दादू और रैदास आदि के ईश्वर संबंधी विचारों का संग्रह करें और उन पर एक परिचर्चा करें।


कबीर के पदों को शास्त्रीय संगीत और लोक संगीत दोनों में लयबद्ध भी किया गया है। जैसे- कुमारगंधर्व, भारती बंधु और प्रहलाद सिंह टिपाणिया आदि द्वारा गाए गए पद। इनके कैसेट्स अपने पुस्तकालय के लिए मँगवाएँ और पाठ्यपुस्तक के पदों को भी लयबद्ध करने का प्रयास करें।


Share
Notifications

Englishहिंदीमराठी


      Forgot password?
Use app×