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औद्योगिक क्षेत्र में रेडियोसक्रियता का उपयोग कहाँ-कहाँ करते हैं? - Science and Technology [विज्ञान और प्रौद्योगिकी]

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Question

औद्योगिक क्षेत्र में रेडियोसक्रियता का उपयोग कहाँ-कहाँ करते हैं?

Answer in Brief

Solution

  • रेडियोग्राफी: ढलुए लोहे की वस्तु या लोहे के वेल्डिंग की दरारों, रिक्त स्थानों का गामा किरणों की सहायता से पता लगाया जाता है। इसके लिए कोबाल्ट-60, इरिडियम- 192 जैसे समस्थानिकों का उपयोग रेडियोग्राफी करने के कैमरे में किया जाता है। धातु-कार्यों के दोष पता करने के लिए इस यंत्र का उपयोग किया जाता है।
  • मोटाई, घनत्व, स्तर का मापन करना: एल्युमीनियम, प्लास्टिक, लोहे जैसे पदार्थों से कम-अधिक मोटाई की चादरों का उत्पादन करते समय उनकी मोटाई जितनी चाहिए उतनी लेना आवश्यक होता है। उत्पादन करते समय एक पक्ष में रेडियोसक्रिय पदार्थ और दूसरे पक्ष में रेडियोसक्रिय मापन यंत्र होता है। मापन यंत्र द्वारा दर्शाई गई उत्सर्जित किरणें चादर की मोटाई के आधार पर कम ज्यादा होती हैं। इस तकनीक की सहायता से पैकिंग के माल की भी जाँच की जा सकती है।
  • दैदीप्यमान रंग और रेडियोसक्रिय दीप्त रंग: पहले घड़ी के काँटे और विशिष्ट वस्तु अंधेरे में भी दिखने के लिए उसपर रेडियम के यौगिक लगाए जाते हैं। इससे अल्फा और गामा किरणें उत्सर्जित होती हैं। HID (High Intensity Discahrge) घड़ी में क्रिप्टॉन-85 और प्रोमेशियम X-ray युनिट में प्रोमेथियम-147 समस्थानिकों का उपयोग किया जाता है।
  • सिरामिक की वस्तुओं में होने वाला उपयोग: सिरामिक से बनाई जाने वाली टाइल्स, बर्तन, प्लेट, रसोई के बर्तन आदि में चमकदार रंग का उपयोग किया जाता है। इस रंग में पहले यूरेनियम ऑक्साइड का उपयोग किया जाता था।
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रेडियो सक्रिय समस्थानिकों के उपयोग
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Chapter 14: हमारे उपयोगी पदार्थ - स्वाध्याय [Page 162]

APPEARS IN

Balbharati Science and Technology [Hindi] 9 Standard Maharashtra State Board
Chapter 14 हमारे उपयोगी पदार्थ
स्वाध्याय | Q 3. ई. | Page 162
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