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उपयोग लिखिए। रेडियोसक्रिय पदार्थ - Science and Technology [विज्ञान और प्रौद्योगिकी]

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Question

उपयोग लिखिए।

रेडियोसक्रिय पदार्थ

Answer in Brief

Solution

  1. औद्‌योगिक क्षेत्र:
    1. रेडियोग्राफी: ढलुए लोहे की वस्तु या लोहे के वेल्डिंग की दरारों, रिक्त स्थानों का गामा किरणों की सहायता से पता लगाया जाता है। इसके लिए कोबाल्ट-60, इरिडियम-192 जैसे समस्थानिकों का उपयोग रेडियोग्राफी करने के कैमरे में किया जाता है। धातु-कार्यों के दोष पता करने के लिए इस यंत्र का उपयोग किया जाता है।
    2. मोटाई, घनत्व, स्तर का मापन करना: एल्युमीनियम, प्लास्टिक, लोहे जैसे पदार्थों से कम-अधिक मोटाई की चादरों का उत्पादन करते समय उनकी मोटाई जितनी चाहिए उतनी लेना आवश्यक होता है। उत्पादन करते समय एक पक्ष में रेडियोसक्रिय पदार्थ और दूसरे पक्ष में रेडियोसक्रिय मापन यंत्र होता है। मापन यंत्र द्वारा दर्शाई गई उत्सर्जित किरणें चादर की मोटाई के आधार पर कम ज्यादा होती हैं। इस तकनीक की सहायता से पैकिंग के माल की भी जाँच की जा सकती है।
    3. दैदीप्यमान रंग और रेडियोसक्रिय दीप्त रंग: पहले घड़ी के काँटे और विशिष्ट वस्तु अंधेरे में भी दिखने के लिए उसपर रेडियम के यौगिक लगाए जाते हैं। इससे अल्फा और गामा किरणें उत्सर्जित होती हैं। HID (High Intensity Discahrge) घड़ी में क्रिप्टॉन-85 और प्रोमेशियम X-ray युनिट में प्रोमेथियम-147 समस्थानिकों का उपयोग किया जाता है।
    4. सिरामिक की वस्तुओं में होने वाला उपयोग: सिरामिक से बनाई जाने वाली टाइल्स, बर्तन, प्लेट, रसोई के बर्तन आदि में चमकदार रंग का उपयोग किया जाता है। इस रंग में पहले यूरेनियम ऑक्साइड का उपयोग किया जाता था।
  2. कृषि क्षेत्र:
    1. पौधों की वृद्धि शीघ्र होने के लिए और अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए बीज को गुणधर्म देने वाले जनुक और गुणसूत्रों पर रेडियो सक्रिय किरणों के प्रभाव से उनमें मूलभूत परिवर्तन किए जा सकते हैं।
    2. रेडियोसक्रिय समस्थानिक कोबाल्ट-80 का उपयोग खाद्य परिक्षण के लिए किया जाता है।
    3. प्याज, आलू को अंकुर न आए, इसलिए उनपर कोबाल्ट-60 की गामा किरणों की बौछार की जाती है।
    4. विविध फसलों पर संशोधन करने के लिए स्ट्रॉंन्शियम-90 का उपयोग किया जाता है।
  3. चिकित्सा शास्त्र:
    1. पॉलिसायथेमिआ: इस रोग में लाल रक्त कणों की रक्त में मात्रा बढ़ती है। इस रोग के उपचार के लिए फॉस्फोरस-32 का उपयोग किया जाता है।
    2. हड्डियों का कैंसर: इसका उपचार करते समय स्ट्राँशियम-89, स्ट्राँशियम-90, समारियम-153 और रेडियम-223 का उपयोग किया जाता है।
    3. हाइपर थायरॉइडिजम: गले की ग्रंथि का बड़ा होना, भूख लगने के बावजूद वजन कम होना, नींद न आना, यह सब गले की ग्रंथि में से ज्यादा मात्रा में हार्मोन्स बनने के कारण होता है। इसे ही हाइपर थायरॉइडियम रोग कहते हैं। इसके उपचार के लिए आयोडिन-123 का उपयोग किया जाता है।
    4. मस्तिष्क का टयूमर: मस्तिष्क के टयूमर का उपचार करने के लिए बोराॅन -10, आयोडीन-131, कोबाल्ट-60 का उपयोग किया जाता है तथा शरीर के छोटे टयूमर पहचानने के लिए आर्सेनिक-74 का उपयोग किया जाता है।
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रेडियो सक्रिय समस्थानिकों के उपयोग
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Chapter 14: हमारे उपयोगी पदार्थ - स्वाध्याय [Page 162]

APPEARS IN

Balbharati Science and Technology [Hindi] 9 Standard Maharashtra State Board
Chapter 14 हमारे उपयोगी पदार्थ
स्वाध्याय | Q 6. इ. | Page 162
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