Advertisements
Advertisements
Question
भारत रत्न बिस्मिल्ला खाँ पर 'सादा जीवन उच्च विचार' वाली कहावत चरितार्थ होती है, कैसे?
Solution
बिस्मिल्ला खाँ ने भारत रत्न मिलने पर भी कभी स्वयं पर घमण्ड नहीं किया। उन्होंने हिन्दू-मुस्लिम एकता को कायम रखने का प्रयास किया। एक दिन, जब उन्होंने फटी लुँगिया पहनी, तो उनकी एक शिष्याने उन्हें रोका। उन्होंने शिष्या को समझाया कि मनुष्य की प्रतिभा महत्वपूर्ण होती है, न कि दिखावा।
RELATED QUESTIONS
गद्य पाठ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए:
बिस्मिल्ला खाँ को लेखक 'मंगल ध्वनि का नायक' क्यों कहता है?
सुषिर-वाद्यों से क्या अभिप्राय है? शहनाई को 'सुषिर वाद्यों में शाह' की उपाधि क्यों दी गई होगी?
आशय स्पष्ट कीजिए -
'मेरे मालिक सुर बख्श दे। सुर में वह तासीर पैदा कर कि आँखों से सच्चे मोती की तरह अनगढ़ आँसू निकल आएँ।'
बिस्मिल्ला खाँ के जीवन से जुड़ी उन घटनाओं और व्यक्तियों का उल्लेख करें जिन्होंने उनकी संगीत साधना को समृद्ध किया?
बिस्मिल्ला खाँ के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताओं ने आपको प्रभावित किया?
मुहर्रम से बिस्मिल्ला खाँ के जुड़ाव को अपने शब्दों में लिखिए।
बिस्मिल्ला खाँ कला के अनन्य उपासक थे, तर्क सहित उत्तर दीजिए।
बिस्मिल्ला खाँ की तुलना कस्तूरी मृग से क्यों की गई है?
बिस्मिल्ला खाँ अपनी जवानी के दिनों की किन यादों में खो जाते हैं?
बिस्मिल्ला खाँ फ़िल्म देखने के अपने शौक को किस तरह पूरा किया करते थे?
उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ काशी विश्वनाथ जी के प्रति अपार श्रद्धा रखते हैं, स्पष्ट कीजिए।
‘नौबतखाने में इबादत’ नामक पाठ में निहित संदेश स्पष्ट कीजिए।
शहनाई और डुमराँव एक-दूसरे के लिए उपयोगी क्यों हैं?
गद्य पाठ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए:
'मंगलध्वनि' का क्या अभिप्राय है?
गद्य पाठ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए -
काशी में किस प्रकार के परिवर्तन हो रहे थे और उन परिवर्तनों पर बिस्मिल्ला खाँ क्या सोचते थे?