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चौधरी जी के व्यक्तित्व को बताने के लिए पाठ में कुछ मज़ेदार वाक्य आए हैं- उन्हें छाँटकर उनका संदर्भ लिखिए। - Hindi (Elective)

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Question

चौधरी जी के व्यक्तित्व को बताने के लिए पाठ में कुछ मज़ेदार वाक्य आए हैं- उन्हें छाँटकर उनका संदर्भ लिखिए।

Long Answer

Solution

  1. इस पुरातत्व की दृष्टि में प्रेम और कुतूहल का एक अद्भुत मिश्रण रहता था। – प्रस्तुत कथन लेखक ने चौधरी जी के व्यक्तित्व को दर्शाने हेतु लिखे हैं। लेखक के अनुसार चौधरी जी उनकी मंडली में सबसे पुराने थे। अतः वे पुराने (पुरातत्व) की संज्ञा पाए हुए थे। दूसरे वे स्नेही थे। अपनी मंडली के हर सदस्य से प्रेम करते थे। उनका व्यक्तित्व कुछ ऐसा भी था कि सब उन्हें कुतूहल की दृष्टि से देखा करते थे। उन्हें जानने के प्रयास में सबके अंदर जिज्ञासा विद्यमान रहती थी।
  2. उनकी हर एक अदा से रियासत और तबीयतदारी टपकती थी- प्रस्तुत कथन के अनुसार चौधरी साहब रईस परिवार से संबंधित थे। उनके स्वभाव में रईसी रच-बच गई थी। उनकी रईसी उनके हर हाव-भाव से दिखाई देती थी। उन्हें अनज़ान व्यक्ति भी बता सकता था कि ये धनी परिवार के हैं।
  3. जो बातें उनके मुँह से निकलती थीं, उनमें एक विलक्षण वक्रता रहती थी।– अर्थात चौधरी साहब कुछ भी बोलते थे, उसमें कुटिलता का समावेश विद्यमान रहता था। वह सीधी बात बोलना नहीं जानते थे।
  4. खंभा टेकि खड़ी जैसे नारि मुगलाने की। प्रस्तुत पंक्तियाँ चौधरी स्वभाव के बाहरी वेश को इंगित करके बोली गई है। चौधरी साहब के बाल कंधे तक लटके रहते थे। उस समय इस प्रकार की केशसज्जा पुरुषों की नहीं हुआ करती थी। वामनाचार्यगिरी ने उन पर व्यंग्य करते हुए कहा था कि खंभे पर टेक लगाकर चौधरी ऐसे खड़े हैं मानो कोई मुस्लिम स्त्री खड़ी हो।
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प्रेमघन की छाया-स्मृति
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Chapter 2.01: रामचंद्र शुक्ल (प्रेमघन की छाया-स्मृति) - प्रश्न-अभ्यास [Page 77]

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NCERT Hindi - Antara Class 12
Chapter 2.01 रामचंद्र शुक्ल (प्रेमघन की छाया-स्मृति)
प्रश्न-अभ्यास | Q 2. | Page 77

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"इस पुरातत्व की दृष्टि में प्रेम और कुतूहल का अद्भुत मिश्रण रहता था।" यह कथन किसके संदर्भ में कहा गया है और क्यों? स्पष्ट कीजिए।


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निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए -

चौधरी साहब एक खासे हिंदुस्तानी रईस थे। वसंत पंचमी होली इत्यादि, अवसरों पर उनके यहाँ खूब नाचरंग और उत्सव हुआ करते थे। उनकी हर एक अदा से रियासत और तबीयतदारी टपकती थी। कंधों तक बाल लटक रहे हैं। आप इधर से उधर टहल रहे हैं। एक छोटा-सा लड़का पान की तश्तरी लिए पीछे-पीछे लगा हुआ है। बात की काट-छाँट का क्या कहना है। जो बातें उनके मुँह से निकलती थीं, उनमें एक विलक्षण वक्रता रहती थी। उनकी बातचीत का ढंग उनके लेखों के ढंग से एकदम निराला होता था। नौकरों तक के साथ उनका संवाद सुनने लायक होता था।

(क) प्रस्तुत गद्यांश में किस की विशेषताओं का वर्णन किया गया है?   (1)

  1. भारतेंदु की
  2. राधेश्याम की
  3. रामचंद्र की
  4. बदरीनारायण की

(ख) चौधरी साहब एक खासे हिन्दुस्तानी रईस थे, खासे रईस से तात्पर्य है -     (1)

  1. दिखावा करने वाला
  2. उत्सव मनाने वाला
  3. गंभीर व्यक्तित्व वाला
  4. व्यंग्य करने वाला

(ग) चौधरी साहब की बातचीत के अंदाज़ से यह पता चलता है कि वे खासे हिंदुस्तानी रईस के साथ-साथ ______थे।   (1)

  1. साहित्य प्रेमी
  2. भाषानुरागी
  3. रसिक धर्मी
  4. सौन्दर्य प्रेमी

(घ) प्रस्तुत गद्यांश में 'विलक्षण वक्रता' से तात्पर्य स्पष्ट होता?    (1)

  1. मुहावरेदार
  2. कुटिलता
  3. वाक्‌ चातुर्य
  4. अनोखी वचन भंगिमा

(ङ) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनकर लिखिए।    (1)

कथन - हर एक अदा से रियासत और तबीयतदारी टपकती थी।'

कारण - चौधरी साहब की गिनती धनी व्यक्तियों में होती थी। सहृदयता के लिए भी प्रसिद्ध थे।

  1. कथन (A) सही है और कारण (R) सही व्याख्या है।
  2. कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत है।
  3. कथन (A) सही है किंतु कारण गलत है।
  4. कथन (A) सही है किंतु कारण (R) सही व्याख्या नहीं है।

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