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Maharashtra State BoardSSC (English Medium) 9th Standard

चरित्रात्मक निबंध: मेरा प्रिय रचनाकार - Hindi - Composite [हिंदी - संयुक्त]

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Question

चरित्रात्मक निबंध: मेरा प्रिय रचनाकार

Long Answer

Solution

मेरा प्रिय रचनाकार

मैंने अपने छात्र जीवन में कई लेखकों की रचनाएँ पढ़ी हैं, लेकिन प्रेमचंद जी का साहित्य मुझे सबसे अधिक प्रिय लगता है। हिंदी कथा साहित्य में उनका स्थान सर्वोपरि है। मैं खाली समय में उनकी कहानियाँ और उपन्यास पढ़ता हूँ। उनकी रचनाएँ वास्तविक जीवन से जुड़ी हैं। उत्कृष्ट रचनाओं के कारण मुंशी प्रेमचंद जी को 'उपन्यास सम्राट' कहा जाता है। वे केवल साहित्यकार ही नहीं, बल्कि सच्चे अर्थों में समाज सुधारक भी थे, क्योंकि अपनी रचनाओं में उन्होंने भारतीय ग्रामीण जीवन के शोषण, गरीबी, जाति-धर्म का भेदभाव जैसी समस्याओं का वास्तविक चित्रण किया है।

प्रेमचंद जी का जन्म १८८० में उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के लमही गांव में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम अजायब राय और माता का नाम आनंदी देवी था। उनका असली नाम धनपत राय था। उनका जीवन अत्यंत गरीबी में बीता। किसी तरह उन्होंने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की, लेकिन आर्थिक कठिनाइयों के कारण कॉलेज में दाखिला नहीं ले सके। जीवनभर उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा। सौभाग्य से, उनकी मुलाकात एक स्कूल के हेडमास्टर से हुई, जिनकी कृपा से उन्हें 17 रुपये मासिक वेतन पर अध्यापक की नौकरी मिल गई, और इसी से उनका साहित्यिक जीवन शुरू हुआ। उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन से प्रेरित होकर कहानियाँ लिखीं, जिनमें 'ईदगाह,' 'सवा सेर गेहूँ,' 'बड़े घर की बेटी,' और 'शतरंज के खिलाड़ी' विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। कुछ कहानियों को अंग्रेजी सरकार ने जब्त कर लिया, लेकिन उन्होंने लिखना बंद नहीं किया। उन्होंने कई उपन्यास भी लिखे, जिनमें 'कर्मभूमि,' 'गबन,' 'गोदान,' 'रंगभूमि,' 'निर्मला,' और 'सेवासदन' विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।

प्रेमचंद जी के साहित्य में मनोरंजन के साथ-साथ देश, समाज और परिवार की समस्याओं का भी चित्रण मिलता है। उन्होंने हिंदी साहित्य और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, इसी कारण वे मेरे प्रिय लेखक हैं।

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निबंध लेखन
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Chapter 4: रचना विभाग - निबंध लेखन [Page 88]

APPEARS IN

Balbharati Hindi - Lokbharati 9 Standard Maharashtra State Board
Chapter 4 रचना विभाग
निबंध लेखन | Q (१) ४. | Page 88
Balbharati Hindi - Kumarbharati 9 Standard Maharashtra State Board
Chapter 2.14 रचना एवं व्याकरण विभाग
स्वाध्याय | Q (७) | Page 118
Balbharati Hindi (Composite) - Lokvani Class 9 Maharashtra State Board
Chapter 2.9 रचना विभाग एवं व्याकरण विभाग
निबंध | Q १ | Page 52

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