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दलित - पैंथर्स ने कौन - से मुद्दे उठाए? - Political Science (राजनीति विज्ञान)

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Question

दलित - पैंथर्स ने कौन - से मुद्दे उठाए?

Answer in Brief

Solution

बीसवीं शताब्दी के सातवें दशक के शुरूआती सालों से शिक्षित दलितों की पहली पीढ़ी ने अनेक मंचों से अपने हक की आवाज उठायी। इनमें ज्यादातर शहर की झुग्गी - यस्तियों में पलकर बड़े हुए दलित थे। दलित हितों को दावेदारी के इसी क्रम में महाराष्ट्र में दलित युवाओं का एक संगठन 'दलित पैंथर्स' 1972 में बना।

  • दलित पैंथर्स द्वारा उठाए गए मुद्दे निम्नलिखित हैं -
  1. आजादी के याद के सालों में दलित समूह मुख्यतया जाती आधारित असमानता और भौतिक साधनों के मामले में अपने साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ लड़ रहे थे। वे इस बात को लेकर सचेत थे की संविधान में जाती आधारित किसी भी तरह के भेदभाव के विरुद्ध गारंटी दी गई है।
  2. आरक्षण के कानून तथा सामाजिक न्याय की ऐसी ही नीतियों का कारगर क्रियान्वयन इनकी प्रमुख माँग थी।
  3. भारतीय संविधान में छुआछूत की प्रथा को समाप्त कर दिया गया है। सरकार ने इसके संतर्गत साठ और सत्तर के दशक में कानून बनाए। इसके बावजूद पुराने जमाने में जिन जातियों को अछूत माना गया था, उनके साथ इस नए दौर में भी सामाजिक भेदभाव तथा हिंसा का वर्ताव कई रूपों में जारी रहा।
  4. दलितों की बस्तियॉं मुख्य गांव से अब भी दूर होती थीं। दलित महिलाओं के साथ - यौन - अत्याचार होते थे। जातिगत प्रतिष्ठा की छोटी - मोटी बात को लेकर दलितों पर सामूहिक जुल्म ढाये जाते थे। दलितों के सामाजिक और आर्थिक उत्पीड़न को रोक पाने में कानून की व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही थी।
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दलित पैंथर्स
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Chapter 7: जन आंदोलनों का उदय - प्रश्नावली [Page 146]

APPEARS IN

NCERT Political Science [Hindi] Class 12
Chapter 7 जन आंदोलनों का उदय
प्रश्नावली | Q 9. | Page 146
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