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एक शक्ति संप्रेषण लाइन अपचायी ट्रांसफॉर्मर में जिसकी प्राथमिक कुण्डली में 4000 फेरे हैं, 2300 वोल्ट पर शक्ति निवेशित करती है। 230V की निर्गत शक्ति प्राप्त करने के लिए - Physics (भौतिक विज्ञान)

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Question

एक शक्ति संप्रेषण लाइन अपचायी ट्रांसफॉर्मर में जिसकी प्राथमिक कुण्डली में 4000 फेरे हैं, 2300 वोल्ट पर शक्ति निवेशित करती है। 230V की निर्गत शक्ति प्राप्त करने के लिए द्वितीयक में कितने फेरे होने चाहिए?

Numerical

Solution

दिया है, NP = 4000, VP = 2300 V, VS = 230 V, NS = ?

सूत्र `"V"_"S"/"V"_"P" = "N"_"S"/"N"_"P"` से,

द्वितीयक कुण्डली में फेरों की संख्या

`"N"_"S" = "V"_"S"/"V"_"P" xx "N"_"P"`

`= 230/2300 xx 4000` = 400

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ट्रांसफॉर्मर
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Chapter 7: प्रत्यावर्ती धारा - अभ्यास [Page 268]

APPEARS IN

NCERT Physics [Hindi] Class 12
Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा
अभ्यास | Q 7.23 | Page 268

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440 V पर शक्ति उत्पादन करने वाले किसी विद्युत संयंत्र से 15 km दूर स्थित एक छोटे से कस्बे में 220 V पर 800 kW शक्ति की आवश्यकता है। विद्युत शक्ति ले जाने वाली दोनों तार की लाइनों का प्रतिरोध 0.5 Ω प्रति किलोमीटर है। कस्बे को उप-स्टेशन में लगे 4000 - 220 V अपचायी ट्रांसफॉर्मर से लाइन द्वारा शक्ति पहुँचती है।

  1. ऊष्मा के रूप में लाइन से होने वाली शक्ति के क्षय का आकलन कीजिए।
  2. संयंत्र से कितनी शक्ति की आपूर्ति की जानी चाहिए, यदि क्षरण द्वारा शक्ति का क्षय नगण्य है।
  3. संयंत्र के उच्चायी ट्रांसफॉर्मर की विशेषता बताइए।

प्रश्न 7.25 को पुनः कीजिए। इसमें पहले के ट्रांसफॉर्मर के स्थान पर 40,000 - 220 V का अपचायी ट्रांसफॉर्मर है। [पूर्व की भाँति क्षरण के कारण हानियों को नगण्य मानिए। यद्यपि अब यह सन्निकटन उचित नहीं है, क्योंकि इसमें उच्च वोल्टता पर संप्रेषण होता है] अतः समझाइए कि क्यों उच्च वोल्टता संप्रेषण अधिक वरीय है?


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