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एक उदाहरण देते हुए निम्नलिखित में उपसहसंयोजन यौगिक की भूमिका का संक्षिप्त विवेचना कीजिए – विश्लेषणात्मक रसायन - Chemistry (रसायन विज्ञान)

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Question

एक उदाहरण देते हुए निम्नलिखित में उपसहसंयोजन यौगिक की भूमिका का संक्षिप्त विवेचना कीजिए –

विश्लेषणात्मक रसायन

Answer in Brief

Solution

गुणात्मक (qualitative) तथा मात्रात्मक (quantitative) रासायनिक विश्लेषणों में उपसहसंयोजन यौगिकों के अनेक उपयोग हैं। अनेक परिचित रंगीन अभिक्रियाएँ जिनमें धातु आयनों के साथ अनेक लिगन्डों (विशेष रूप से कीलेट लिगन्ड) की उपसहसंयोजन सत्ता बनने के कारण रंग उत्पन्न होता है, चिरसम्मत (classical) तथा यान्त्रिक (instrumental) विधियों द्वारा धातु आयनों की पहचान व उनके मात्रात्मक आकलन का आधार हैं। ऐसे अभिकर्मकों के उदाहरण हैं- EDTA, DMG (डाइमेथिल ग्लाइऑक्सिम), α-नाइट्रोसो-β-नैफ्थॉल, क्यूपफेरॉन आदि।

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उपसहसंयोजन यौगिकों का महत्व तथा अनुप्रयोग
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Chapter 9: उपसहसंयोजन यौगिक - अभ्यास [Page 276]

APPEARS IN

NCERT Chemistry [Hindi] Class 12
Chapter 9 उपसहसंयोजन यौगिक
अभ्यास | Q 9.27 (iii) | Page 276

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कॉलम I में दिए गए उपसहसंयोजन यौगिकों और कॉलम II में दिए केंद्रीय धात्विक परमाणुओं को सुमेलित कीजिए और सही कोड प्रदान कीजिए।

कॉलम I (उपसहसंयोजन यौगिक) कॉलम II (केंद्रीय धात्विक परमाणु)
(A) क्लोरोफिल (1) रोडियम
(B) रक्त वर्णक (2) कोबाल्ट
(C) विल्किंसन उत्परेरक (3) कैल्सियम
(D) विटामिन B12 (4) आयरन
  (5) मैग्नीशियम

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