English

फ़ादर की उपस्थिति लेखक को देवदार की छाया के समान क्यों लगती थी? पाठ के आधार पर सिद्ध कीजिए। - Hindi Course - A

Advertisements
Advertisements

Question

फ़ादर की उपस्थिति लेखक को देवदार की छाया के समान क्यों लगती थी? पाठ के आधार पर सिद्ध कीजिए।

Answer in Brief

Solution

फ़ादर बुल्के समान रूप से सभी पर अपना प्रेम लुटाते थे। उनकी शरण में जो भी कोई आता था, उसे शांति और सुकून मिलता था। देवदार का वृक्ष विशाल एवं छायादार होता है, फ़ादर बुल्के का व्यक्तित्व भी देवदार वृक्ष की तरह विशाल था। जिस प्रकार देवदार वृक्ष की छाया में अनेक छोटे-बड़े पौधों का विकास होता है उसी प्रकार फ़ादर बुल्के का हृदय ममता, करुणा एवं अपनेपन से भरा था। उनकी नीली आँखे वात्सल्य से परिपूर्ण थीं। वे सभी के पारिवाहिक उत्सवों और अनुष्ठानों में शामिल होते तो लगता था घर का कोई बड़ा शामिल हुआ है। इन्हीं कारणों से लेखक ने दार्शनिक अंदाज में फ़ादर की उपस्थिति को देवदार की छाया माना है।

shaalaa.com
मानवीय करुणा की दिव्य चमक
  Is there an error in this question or solution?
2021-2022 (April) Term 2 Sample

RELATED QUESTIONS

फ़ादर की उपस्थिति देवदार की छाया जैसी क्यों लगती थी?


फ़ादर बुल्के भारतीय संस्कृति के एक अभिन्न अंग हैं, किस आधार पर ऐसा कहा गया है?


लेखक ने फ़ादर बुल्के को 'मानवीय करुणा की दिव्य चमक' क्यों कहा है?


आशय स्पष्ट कीजिए -

नम आँखों को गिनना स्याही फैलाना है।


आपके विचार से बुल्के ने भारत आने का मन क्यों बनाया होगा?


'बहुत सुंदर है मेरी जन्मभूमि - रेम्सचैपल।'- इस पंक्ति में फ़ादर बुल्के की अपनी जन्मभूमि के प्रति कौन-सी भावनाएँ अभिव्यक्त होती हैं? आप अपनी जन्मभूमि के बारे में क्या सोचते हैं?


लेखक ने फ़ादर का शब्द चित्र किस तरह खींचा है?


‘परिमल’ क्या है? लेखक को परिमल के दिन क्यों याद आते हैं?


फ़ादर का सान्निध्य पाकर लेखक को ऐसा क्यों लगन्ना कि वह किसी देवदारु वृक्ष की छाया में खड़ा हो?


संन्यासी बनने से पूर्व फ़ादर ने धर्म गुरु के सामने क्या शर्त रखी और क्यों?


‘संन्यासी होने के बाद भी फ़ादर का अपनी माँ से स्नेह एवं प्रेम कम न हुआ’–स्पष्ट कीजिए।


फ़ादर बुल्के ने हिंदी के उत्थान के लिए क्या-क्या प्रयास किए?


‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ पाठ के आधार पर फ़ादर की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।


‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ नामक पाठ में निहित संदेश स्पष्ट कीजिए।


'फ़ादर कामिल बुल्के संकल्प से संन्यासी थे, मन से नहीं।' लेखक के इस कथन के आधार पर सिद्ध कीजिए कि फ़ादर का जीवन परंपरागत संन्यासियों से किस प्रकार अलग था ?


‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ पाठ के आधार पर लिखिए कि फ़ादर कामिल बुल्के की मृत्यु से बहुत बड़ी संख्या में लोग शोक-संतप्त क्यों हुए?


‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ पाठ के आधार पर फ़ादर कामिल बुल्के का अपने शब्दों में रेखाचित्र प्रस्तुत कीजिए।


‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ पाठ के लेखक और फ़ादर बुल्के के संबंध, आपकी दृष्टि में कैसे थे? इससे फ़ादर के स्वभाव के विषय में क्या कहा जा सकता है?


Share
Notifications

Englishहिंदीमराठी


      Forgot password?
Use app×