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लेखक ने फ़ादर बुल्के को 'मानवीय करुणा की दिव्य चमक' क्यों कहा है? - Hindi Course - A

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Question

लेखक ने फ़ादर बुल्के को 'मानवीय करुणा की दिव्य चमक' क्यों कहा है?

Short Note

Solution

फ़ादर बुल्के मानवीय करुणा की प्रतिमूर्ति थे। उनके मन में सभी के लिए प्रेम भरा था जो कि उनके चेहरे पर स्पष्ट दिखाई देता था। विपत्ति की घड़ी में वे सांत्वना के दो बोल द्वारा किसी भी मनुष्य का धीरज बाँधते थे। स्वयं लेखक की पत्नि तथा पुत्र की मृत्यु पर फ़ादर बुल्के ने उन्हें सांत्वना दी थी। किसी भी मानव का दु:ख उनसे देखा नहीं जाता था। उसके कष्ट दूर करने के लिए वे यथाशक्ति प्रयास करते थे।

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मानवीय करुणा की दिव्य चमक
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Chapter 13: सर्वेश्वर दयाल सक्सेना - मानवीय करुणा की दिव्या चमक - प्रश्न-अभ्यास [Page 88]

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NCERT Hindi - Kshitij Part 2 Class 10
Chapter 13 सर्वेश्वर दयाल सक्सेना - मानवीय करुणा की दिव्या चमक
प्रश्न-अभ्यास | Q 5 | Page 88

RELATED QUESTIONS

फ़ादर बुल्के भारतीय संस्कृति के एक अभिन्न अंग हैं, किस आधार पर ऐसा कहा गया है?


फ़ादर बुल्के ने संन्यासी की परंपरागत छवि से अलग एक नयी छवि प्रस्तुत की है, कैसे?


'बहुत सुंदर है मेरी जन्मभूमि - रेम्सचैपल।'- इस पंक्ति में फ़ादर बुल्के की अपनी जन्मभूमि के प्रति कौन-सी भावनाएँ अभिव्यक्त होती हैं? आप अपनी जन्मभूमि के बारे में क्या सोचते हैं?


लेखक ने फ़ादर का शब्द चित्र किस तरह खींचा है?


‘परिमल’ क्या है? लेखक को परिमल के दिन क्यों याद आते हैं?


फ़ादर की पारिवारिक पृष्ठभूमि और उनका स्वभाव भी किसी सीमा तक उन्हें संन्यासी बनाने में सहायक सिद्ध हुई’–स्पष्ट कीजिए।


फ़ादर बुल्के ने हिंदी के उत्थान के लिए क्या-क्या प्रयास किए?


‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ पाठ के आधार पर फ़ादर की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।


‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ नामक पाठ में निहित संदेश स्पष्ट कीजिए।


'फ़ादर कामिल बुल्के संकल्प से संन्यासी थे, मन से नहीं।' लेखक के इस कथन के आधार पर सिद्ध कीजिए कि फ़ादर का जीवन परंपरागत संन्यासियों से किस प्रकार अलग था ?


फ़ादर की उपस्थिति लेखक को देवदार की छाया के समान क्यों लगती थी? पाठ के आधार पर सिद्ध कीजिए।


फ़ादर कामिल बुल्के द्वारा भारत को ही अपनी कर्मभूमि चुनने का कारण ‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ पाठ के आधार परस्पष्ट कीजिए।


‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ पाठ के आधार पर लिखिए कि फ़ादर कामिल बुल्के की मृत्यु से बहुत बड़ी संख्या में लोग शोक-संतप्त क्यों हुए?


“फ़ादर कामिल बुल्के को ज़हरबाद से नहीं मरना चाहिए था”- लेखक ने ऐसा क्यों कहा?

‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।


“फ़ादर कामिल बुल्के का सान्निध्य लेखक के लिए सुखद अनुभूति थी।” कथन का आशय ‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।


‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ पाठ से क्या संदेश मिलता है? अपने शब्दों में समझाइए।


‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ पाठ के आधार पर फ़ादर कामिल बुल्के के व्यक्तित्व के किन्हीं दो पहलुओं का उल्लेख कीजिए, जिनसे आप प्रभावित हैं। इस प्रभाव के उपयुक्त कारण भी स्पष्ट कीजिए।


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