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घर में अतिथि के आगमन पर आपको कैसा लगता है, बताइए। - Hindi [हिंदी]

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Question

घर में अतिथि के आगमन पर आपको कैसा लगता है, बताइए।

Short Note

Solution

हमारे देश में अतिथियों को देवता माना गया है। जिस प्रकार से हम देवताओं का आदर करते हैं, उसी प्रकार अतिथियों का भी हमें आदर सम्मान करना चाहिए। अतिथि का अर्थ ही होता है, जिसके आने-जाने का समय तथा दिन निर्धारित न हो। यदि सुबह का समय होगा तो चाय-नाश्ता करवाएँगे, दोपहर के समय उसे प्रीतिभोज व रात्रि मैं मेहमान आए तो रात्रिभोज करवाना हमारा कर्तव्य बनता है। आपके घर पहुँचने वाला अतिथि कभी असमय भी पहुँच सकता है। ऐसे समय लोग भीतर ही भीतर कुढ़ते हैं। यह ठीक नहीं है। असमय आनेवाले अतिथि को भी हमें वही सम्मान देना चाहिए, जो सम्मान हम समय से आनेवाले अतिथि को देते है।

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उपयोजित / रचनात्मक लेखन (लेखन कौशल)
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Chapter 1.06: दो संस्‍मरण - संभाषणीय [Page 29]

APPEARS IN

Balbharati Hindi - Kumarbharati 10 Standard SSC Maharashtra State Board
Chapter 1.06 दो संस्‍मरण
संभाषणीय | Q १. | Page 29

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