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Question
इस बारे में चर्चा कीजिए कि औपनिवेशिक सरकार ने निम्नलिखित कानून क्यों बनाए? यह भी बताइए कि इन कानून से चरवाहों के जीवन पर क्या असर पड़ा:
परती भूमि नियमावाली
Solution
परती भूमि नियमावली: अंग्रेज सरकार चरागाहों की खेती की जमीन को अनुत्पादक मानती थी। यदि यह भूमि जुताई योग्य कृषि भूमि में बदल दी जाए तो खेती का क्षेत्रफल बढ़ने से सरकार की आय में और बढ़ोतरी हो सकती थी। इसके साथ ही इससे जूट (पटसन), कपास, गेहूं और अन्य खेतिहर चीजों के उत्पादन में भी वृद्धि हो जाती जिनकी इंग्लैंड में बहुत अधिक जरूरत रहती थी। सभी चरागाहों को अंग्रेज सरकार परती भूमि मानती थी क्योंकि उससे उन्हें कोई लगान नहीं मिलता था। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य से देश के विभिन्न भागों में परती भूमि विकास के लिए नियम बनाए जाने लगे। इन नियमों की सहायता से सरकार गैर–खेतिहर जमीन को अपने अधिकार में लेकर कुछ विशेष लोगों को सौंपने लगी। इन लोगों को विभिन्न प्रकार की छूट प्रदान की गईं और ऐसी भूमि पर खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इनमें से कुछ लोगों को इस नई जमीन पर बसे गाँव का मुखियाँ बना दिया गया। इस तरह कब्जे में ली गई ज्यादातर जमीन चरागाहों की थी जिनका चरवाहे नियमित रूप से इस्तेमाल किया करते थे। इस तरह खेती के फैलाव से चरागाह सिमटने लगे जिसने चरवाहों के जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव डाला।
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