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Question
इस बारे में चर्चा कीजिए कि औपनिवेशिक सरकार ने निम्नलिखित कानून क्यों बनाए? यह भी बताइए कि इन कानून से चरवाहों के जीवन पर क्या असर पड़ा:
वन अधिनियम
Solution
वन अधिनियम: उन्नीसवीं सदी के मध्य तक अलग-अलग प्रांतों में विभिन्न वन अधिनियम बनाए गए। जिसके अनुसार जंगलों को दो श्रेणियों में बाँट दिया गया:
- आरक्षित वन: कुछ जंगल जो वाणिज्यिक रूप से कीमती लकड़ी जैसे कि देवदार एवं साल के पेड़ पैदा करते थे उन्हें ‘आरक्षित’ घोषित कर दिया गया था। चरवाहों का इन जंगलों में प्रवेश वर्जित था।
- संरक्षित वन: इन वनों में चरवाहों को कुछ पारंपरिक अधिकार दिए गए थे लेकिन उनकी आवाजाही पर फिर भी बहुत से प्रतिबंध लगे हुए थे। चरवाहों को सरकार से अनुमति लेनी पड़ती थी। सरकार ने इन नियमों को इसलिए लागू किया क्योंकि यह सोचती थी कि इनके पशु वन की जमीन पर मौजूद छोटे पौधों को कुचल देते हैं और कोंपलों को खा जाते हैं। अब चरवाहों के लिए अपने पशुओं को वन-क्षेत्र में चराना बहुत कठिन हो गया। उनके पशुओं के लिए पर्याप्त चारा खोजना भी कठिन हो गया था। जंगलों में प्रवेश करने से पहले उन्हें सरकार से अनुमति लेनी पड़ती थी और अगर वे समय-सीमा का उलंघन करते थे तो उन पर जुर्माना लगा दिया जाता था।
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