Advertisements
Advertisements
Question
कारण देते हुए स्पष्ट कीजिए।
संक्रमण धातुएँ सामान्यतः रंगीन यौगिक बनाती हैं।
Solution
अधिकांश संक्रमण धातु आयन विलयन तथा ठोस अवस्थाओं में रंगीन होते हैं। ऐसा दृश्य प्रकाश के आंशिक अवशोषण के कारण होता है। अवशोषित प्रकाश इलेक्ट्रॉन को समान d-उपकोश के एक कक्षक से दूसरे कक्षक में उत्तेजित कर देता है। चूँकि इलेक्ट्रॉनिक संक्रमण धातु आयनों के d-कक्षकों में होते हैं, इसलिए ये d-d संक्रमण कहलाते हैं। संक्रमण धातु आयनों में दृश्य प्रकाश को अवशोषित करके होने वाले d-d संक्रमणों के कारण ही ये रंगीन दिखाई देते हैं।
APPEARS IN
RELATED QUESTIONS
संक्रमण तत्वों की प्रथम श्रेणी में आयनन एन्थैल्पी (प्रथम और द्वितीय) में अनियमित परिवर्तन को आप कैसे समझाएँगे?
\[\ce{M^{2+}_{ (aq)}}\] ion (Z = 27) के लिए ‘प्रचक्रण-मात्र' चुंबकीय आघूर्ण की गणना कीजिए।
संक्षेप में स्पष्ट कीजिए कि प्रथम संक्रमण श्रेणी के प्रथम अर्धभाग में बढ़ते हुए परमाणु क्रमांक के साथ +2 ऑक्सीकरण अवस्था कैसे अधिक स्थायी होती जाती है?
संक्रमण धातुओं के अभिलक्षण क्या हैं? ये संक्रमण धातु क्यों कहलाती हैं?
संक्रमण धातुओं के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास किस प्रकार असंक्रमण तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास से भिन्न हैं?
पोटैशियम डाइक्रोमेट की ऑक्सीकरण क्रिया का उल्लेख कीजिए तथा निम्नलिखित के साथ आयनिक समीकरण लिखिए –
आयोडाइड आयन
पोटैशियम डाइक्रोमेट की ऑक्सीकरण क्रिया का उल्लेख कीजिए तथा निम्नलिखित के साथ आयनिक समीकरण लिखिए –
आयरन (II) विलयन
पोटैशियम डाइक्रोमेट की ऑक्सीकरण क्रिया का उल्लेख कीजिए तथा निम्नलिखित के साथ आयनिक समीकरण लिखिए –
H2S
मिश्रातुएँ क्या हैं?
निम्नलिखित संकुल स्पीशीज़ के चुंबकीय आघूर्णो के मान से आप क्या निष्कर्ष निकालेंगे?
उदाहरण | चुंबकीय आघूर्ण (BM) |
K2[MnCl4] | 5.9 |