English

किसी p-n सन्धि डायोड में धारी I को इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है I = "I"_0 " exp"("eV"/(2"K"_"B""T") - 1) - Physics (भौतिक विज्ञान)

Advertisements
Advertisements

Question

किसी p-n सन्धि डायोड में धारी I को इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है

I = `"I"_0 " exp"("eV"/(2"K"_"B""T") - 1)`

जहाँ I0 को उत्क्रमित संतृप्त धारा कहते हैं, V डायोड के सिरों पर वोल्टता है तथा यह अग्रदिशिक बायस के लिए धनात्मक तथा पश्चदिशिक बायस के लिए ऋणात्मक है। V डायोड से प्रवाहित धारा है, KB बोल्ट्जमान नियतांक (8.6 x 10-5 eV/K) है तथा T परम ताप है। यदि किसी दिए गए डायोड के लिए I0 = 5 x 10-12 A तथा T= 300K है, तब

  1. 0.6 अग्रदिशिक वोल्टता के लिए अग्रदिशिक धारा क्या होगी?
  2. यदि डायोड के सिरों पर वोल्टता को बढ़ाकर 0.7 V कर दें तो धारा में कितनी वृद्धि जाएगी?
  3. गतिक प्रतिरोध कितना है?
  4. यदि पश्चदिशिक वोल्टता को 1 से 2V कर दें तो धारा का मान क्या होगा?
Numerical

Solution

दिया है, KB = 8.6 x 10-5 eCK-1 = 1.6 x 10-19 x 86 x 10-5 JK-1

I0 = 5 x 10-12A, T = 300K

(a) V= + 0.6V के लिए अग्र धारा I = ?

अभीष्ट धारा

I = `"I"_0 ["exp" (("eV")/"k"_"B""T") - 1]`

`= 5 xx 10^-12 ["exp"((1.6 xx 10^-19 xx 0.6 "J")/(1.6 xx 10^-19 xx 8.6 xx 10^-5 "JK"^-1 xx 300 "K")) - 1]`

`= 5 xx 10^-12 [exp (23.255) - 1]`

`=> "I" = 5 xx 10^-12 ["e"^23.255 - 1]`    .....(1)

माना x = `"e"^23.255`

log लेने पर,

`log_10 x = 23.255 log_10 "e" = 23.255/(log_"e" 10)`

`= 23.255/2.303 => log_10 x = 10.098`

⇒ x = Antilog10 (10.098) = 1.253 × 1010

∴ समीकरण (1) से,

I = `5 xx 10^-12 (1.253 xx 10^10 - 1) ~~ 5 xx 10^-12 xx 1.253 xx 10^10`

= 6.265 × 10-2 A

∴ अभीष्ट अग्र धारा I = 0.0626 A ≈ 0.063 A

(b) माना अग्र बायस वोल्टता को V = + 0.7 V करने पर धारा

I' = `5  xx 10^-12["exp"((1.6 xx 10^-19 xx 0.7 "J")/(1.6 xx 10^-19 xx 8.6 xx 10^-5 "JK"^-1 300 "K")) - 1]`

`= 5 xx 10^-12 ["exp". (27.1318) - 1]`

या I' = `5 xx 10^12 ["e"^27.1318 - 1]`   ....(2)

माना x' = `"e"^27.1318`

`therefore` log लेने पर,

`log_10 "x'" = 27.1318 log_10 "e" = 27.1318/(log_"e"10)`

`= 27.1318/2.303 = 11.781`

∴ x' = Antilog10(11.781) = 6.04 × 1011 

∴ समीकरण (2) से,

I' = 5 × 10-12[6.04 × 1011 - 1] ≈ 5 × 10-12 × 6.04 × 1011 

= 3.02 A

∴ अग्र बायस वोल्टता को 0.6 V से 0.7 V करने पर धारा में वृद्धि

ΔI = I' - I = 2.96 A

(c) डायोड डायोड का गतिक प्रतिरोध

`"R"_"d" = (Delta "V")/(Delta "I") = (0.7 - 0.6)/2.957 = 0.033 Omega`

(d) पश्चदिशिक वोल्टता 1V (V = - 1 V) के लिए

`"exp"("eV"/("k"_"B""T")) = "exp" ((1.6 xx 10^-19 xx (- 1))/(1.6 xx 10^19 xx 8.6 xx 10^-5 xx 300))`

`= "exp" (- 38.76) = "e"^(-38.76) = 1.5 xx 10^-17`     (हल करने पर)

≈ 0 

∴ धारा I = `5 xx 10^-12 ["exp"("eV"/("k"_"B""T"))] - 1]`

`= 5 xx 10^-12 [0 - 1] = - 5 × 10^-12`A

इसी प्रकार V = - 2 V हेतु

I = - 5 × 10-12 A

अतः उत्क्रम वोल्टता के लिए धारा उत्क्रमित संतृप्त धारा के बराबर बनी रहती है।

इससे ज्ञात होता है कि पश्चदिशिक बायस के लिए डायोड का गतिक प्रतिरोध अनन्त होता है।

shaalaa.com
p-n संधि
  Is there an error in this question or solution?
Chapter 14: अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिकी - पदार्थ, युक्तियाँ तथा सरल परिपथ - अभ्यास [Page 502]

APPEARS IN

NCERT Physics [Hindi] Class 12
Chapter 14 अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिकी - पदार्थ, युक्तियाँ तथा सरल परिपथ
अभ्यास | Q 14.10 | Page 502
Share
Notifications

Englishहिंदीमराठी


      Forgot password?
Use app×