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Question
कुछ मनुष्य पशुओं से भी हीन होते हैं। पठित दोहे के आधार पर हिरन के माध्यम से स्पष्ट कीजिए।
Solution
हिरन शिकारी की आवाज़ सुनकर उसे दूसरे हिरनों की आवाज़ समझ बैठता है और खुश हो जाता है। वह अपनी सुधि बुधि खोकर उस आवाज़ की ओर आकर अपना तन दे देता है परंतु मनुष्य खुश होकर भी दूसरों को कुछ नहीं देता है। इस तरह कुछ मनुष्य पशुओं से भी हीन होते हैं।
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उदाहण : कोय − कोई , जे - जो
ज्यों |
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कछु |
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नहिं |
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कोय |
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धनि |
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आखर |
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जिय |
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थोरे |
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होय |
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माखन |
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तरवारि |
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सींचिबो |
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मूलहिं |
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पिअत |
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पिआसो |
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बिगरी |
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आवे |
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सहाय |
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ऊबरै |
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बिनु |
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बिथा |
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अठिलैहैं |
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परिजाय |
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नीचे लिखी पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए :
जैसे चितवत चंद चकोरा
रैदास के इन पदों का केंद्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।