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निम्नलिखित पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार पहचान कर लिखिए - तुम्ह तौ कालु हाँक जनु लावा। बार बार मोहि लागि बोलावा|| - Hindi Course - A

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Question

निम्नलिखित पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार पहचान कर लिखिए -

तुम्ह तौ कालु हाँक जनु लावा।

बार बार मोहि लागि बोलावा||

Short Note

Solution

तुम्ह तौ कालु हाँक जनु लावा।

बार बार मोहि लागि बोलावा||

(1) उत्प्रेक्षा अलंकार - 'काल हाँक जनु लावा' में उत्प्रेक्षा अलंकार है। यहाँ जनु उत्प्रेक्षा का वाचक शब्द है।

(2) पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार  - 'बार-बार' में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है। क्योंकि बार शब्द की दो बार आवृत्ति हुई पर अर्थ भिन्नता नहीं है।

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राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद
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Chapter 2: तुलसीदास - राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद - प्रश्न-अभ्यास [Page 15]

APPEARS IN

NCERT Hindi - Kshitij Part 2 Class 10
Chapter 2 तुलसीदास - राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद
प्रश्न-अभ्यास | Q 10.3 | Page 15

RELATED QUESTIONS

परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए कौन-कौन से तर्क दिए?


परशुराम के क्रोध करने पर राम और लक्ष्मण की जो प्रतिक्रियाएँ हुईं उनके आधार पर दोनों के स्वभाव की विशेषताएँ अपने शब्दों में लिखिए।


लक्ष्मण और परशुराम के संवाद का जो अंश आपको सबसे अच्छा लगा उसे अपने शब्दों में संवाद शैली में लिखिए।


साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है। इस कथन पर अपने विचार लिखिए।


भाव स्पष्ट कीजिए -

बिहसि लखनु बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महाभट मानी|| 

पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारू। चहत उड़ावन फूँकि पहारू||


भाव स्पष्ट कीजिए -

गाधिसू नु कह हृदय हसि मुनिहि हरियरे सूझ।

अयमय खाँड़ न ऊखमय अजहुँ न बूझ अबूझ||


पाठ के आधार पर तुलसी के भाषा सौंदर्य पर दस पंक्तियाँ लिखिए।


निम्नलिखित पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार पहचान कर लिखिए -

कोटि कुलिस सम बचनु तुम्हारा।


“सामाजिक जीवन में क्रोध की जरूरत बराबर पड़ती है। यदि क्रोध न हो तो मनुष्य दूसरे के द्वारा पहुँचाए जाने वाले बहुत से कष्टों की चिर-निवृत्ति का उपाय ही न कर सके।”

आचार्य रामचंद्र शुक्ल जी का यह कथन इस बात की पुष्टि करता है कि क्रोध हमेशा नकारात्मक भाव लिए नहीं होता बल्कि कभी- कभी सकारात्मक भी होता है। इसके पक्ष य विपक्ष में अपना मत प्रकट कीजिए।


संकलित अंश में राम का व्यवहार विनयपूर्ण और संयन्न है, लक्ष्मण लगातार व्यंग्य बाणों का उपयोग करते हैं और परशुराम का व्यवहार क्रोध से भरा हुआ है। आप अपने आपको इस परिस्थिति में रखकर लिखें कि आपका व्यवहार कैसा होता?


अपने किसी परिचित या मित्र के स्वभाव की विशेषताएँ लिखिए।


अवधी भाषा आज किन-किन क्षेत्रों में बोली जाती है?


धनुष टूटने से क्रोधित परशुराम ने राम से क्या कहा?


“न त मारे जैहहिं सब राजा’-परशुराम के मुँह से ऐसा सुनकर लक्ष्मण की क्या प्रतिक्रिया रही?


धनुष टूटने पर लक्ष्मण किन तर्कों के आधार पर राम को निर्दोष सिद्ध करने का प्रयास कर रहे थे?


परशुराम ने अपनी कौन-कौन-सी विशेषताओं द्वारा लक्ष्मण को डराने का प्रयास किया?


लक्ष्मण और श्रीराम के वचनों में मुख्य अंतर क्या था?


'क्रोध से बात और अधिक बिगड़ जाती है।' 'राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद' कविता के आलोक में इस कथन की पुष्टि कीजिए।


परशुराम के क्रोधित होने का कारण था -


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