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Question
निम्नलिखित अभिक्रिया का अपचयोपचय अभिक्रिया के रूप में औचित्य स्थापित करने का प्रयास कीजिए-
\[\ce{Fe2O3(s) + 3CO(g) → 2Fe(s) + 3CO2(g)}\]
Solution
\[\ce{\overset{+3}{Fe2}\overset{-2}{O3} + \overset{+2}{3C}\overset{-2}{O}(g) + 2 \overset{0}{Fe}(s) + 3\overset{+4}{C}\overset{-2}{O2}(g)}\]
इस अभिक्रिया में, Fe2O3 का अपचयन हो रहा है क्योंकि Fe की ऑक्सीकरण अवस्था +3 (Fe2O3 में) से घटकर शून्य (Fe में) हो जाती है। CO का ऑक्सीकरण हो रहा है क्योंकि C की ऑक्सीकरण अवस्था +2 (CO में) से बढ़कर +4 (CO2में) हो जाती है। अत: यह एक अपचयोपचय अभिक्रिया (redox reaction) है।
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निम्नलिखित अभिक्रिया का अपचयोपचय अभिक्रिया के रूप में औचित्य स्थापित करने का प्रयास कीजिए-
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नीचे सारणी में दिए गए मानक विभवों की सहायता से अनुमान लगाइए कि क्या इन अभिकारकों के बीच अभिक्रिया संभव है?
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नीचे दिए गए सारणी में मानक विभवों की सहायता से अनुमान लगाइए कि क्या इन अभिकारकों के बीच अभिक्रिया संभव है?
Ag(s) तथा Fe3+(aq)
नीचे दिए गए सारणी में मानक विभवों की सहायता से अनुमान लगाइए कि क्या इन अभिकारकों के बीच अभिक्रिया संभव है?
Br2(aq) तथा Fe2+