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निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए - कई बार यही क्रिया होती है ............. आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है। - Hindi (Elective)

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Question

निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए -

कई बार यही क्रिया होती है ............. आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है।

Answer in Brief

Solution

प्रसंग - यह गद्यांश प्रेमचंद द्वारा लिखित कहानी 'ईदगाह' से लिया गया है। इस गद्यांश में सामूहिक रूप से नमाज़ अदा करने का दृश्य दिखाया गया है। लेखक ने नमाज अदा करने की प्रणाली का बड़े ही आकर्षक ढंग से वर्णन किया है।

व्याख्या - नमाज़ अदा करते समय एक साथ असंख्य लोग अपने सिर सिजदे में एक साथ झुकाते हैं। वे एक साथ खड़े होते हैं और फिर एक साथ झुक जाते हैं। सभी के द्वारा यह क्रिया कई बार दोहराई जाती है। इस क्रिया को देखकर लगता है मानो बिजली के बल्ब एक साथ जलते व बुझते हैं। उनकी यह क्रिया चलती रहती है। यह दृश्य बहुत ही मनोहर है। लोगों की एक साथ इस प्रकार की क्रिया मन को श्रद्धा और आनंद से भर देती है। यह क्रिया सभी के अंदर भाईचारे की भावना का निर्माण करती है। ऐसा लगता है मानो सभी मानवों की आत्माओं को एकता के धागे में ऐसे पिरो दिया गया है, जैसे माला के धागे में मोती के दाने को।

विशेष - 1. लेखक ने ईदगाह में नमाज़ अदा करने के दृश्य का वर्णन बहुत सुंदर किया है।

2. रूपक तथा उपमा का प्रयोग अद्भुत है।

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ईदगाह
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Chapter 1.1: ईदगाह - प्रश्न-अभ्यास [Page 20]

APPEARS IN

NCERT Hindi - Antar Class 11
Chapter 1.1 ईदगाह
प्रश्न-अभ्यास | Q 5. (क) | Page 20

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