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'उसके अंदर प्रकाश है, बाहर आशा। विपत्ति अपना सारा दलबल लेकर आए, हामिद की आनंद भरी चितवन उसका विध्वंस कर देगी।' - - Hindi (Elective)

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Question

'उसके अंदर प्रकाश है, बाहर आशा। विपत्ति अपना सारा दलबल लेकर आए, हामिद की आनंद भरी चितवन उसका विध्वंस कर देगी।' - इस कथन के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि आशा का प्रकाश मनुष्य को विपरीत परिस्थितियों में भी निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

Answer in Brief

Solution

जीवन में आशा का प्रकाश सदैव फैला रहता है। आशा रूपी प्रकाश हमें निराशा के क्षणों से बाहर ले जाता है और हमें जीवन में आगे बढ़ाता है। कई बार ऐसी विषम परिस्थितियाँ सामने आ खड़ी होती हैं कि मनुष्य की सोचने-समझने की शक्ति समाप्त हो जाती है। ऐसे में आशा की किरण उसे विषम परिस्थतियों से बाहर निकाल लेती है। जो व्यक्ति निराशावादी है, वह आगे नहीं बढ़ सकता है। वह हार मान जाता है और लड़ना छोड़ देता है। मगर जिस मनुष्य ने आशा का दामन थाम लिया है, वह कभी हार नहीं मानता और निरंतर आगे बढ़ता चला जाता है। वह जानता है कि उसकी मेहनत रंग अवश्य दिखाएगी। बस यही आशावादी सोच उसे बाहर निकाल लेती है और वह जीवन में निरंतर प्रेरणा स्रोत पाता है। हामिद के माता-पिता उसके संग नहीं हैं। उसके पास यह आशा है कि एक दिन उसके माता-पिता अवश्य लौटकर आएँगे। यही किरण उसे सदैव प्रसन्न रखे हुए है। वह अभावों की जिंदगी जी रहा है मगर उससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। वह जानता है कि एक दिन उसके दिन अवश्य बदलेंगे। उसका यही विश्वास विपत्ति को उसके आगे घुटने टेकने पर विवश कर देता है।
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ईदगाह
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Chapter 1.1: ईदगाह - प्रश्न-अभ्यास [Page 20]

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NCERT Hindi - Antar Class 11
Chapter 1.1 ईदगाह
प्रश्न-अभ्यास | Q 2. | Page 20

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