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Question
पद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 40 शब्दों में दीजिए:
'आत्मपरिचय' शीर्षक कविता में कवि की संग्रह के प्रति क्या धारणा है ? स्पष्ट कीजिए।
Short Answer
Solution
'आत्म-परिचय' कविता में कवि ने बताया है कि मनुष्य के लिए स्वयं को जानना अत्यंत कठिन कार्य है। जीवन में अधिक संग्रह करने की प्रवृत्ति मनुष्य को लालची और असंतुष्ट बनाती है। संग्रह की यह आदत मनुष्य को स्वार्थी बना देती है, जिससे समाज और मानवीय संबंधों में कटुता आ जाती है। संग्रह की बजाय मनुष्य को अपनी आवश्यकताओं तक सीमित रहना चाहिए और जीवन को सरल व संतोषजनक बनाना चाहिए।
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, और समाज के बिना उसकी कल्पना नहीं की जा सकती। समाज से उसे खट्टे-मीठे अनुभव प्राप्त होते हैं, जो उसके जीवन को अर्थपूर्ण बनाते हैं। यह संसार ही उसकी पहचान का आधार है, जिसमें सुख-दुःख का समन्वय होता है।
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