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पेशी संकुचन के प्रमुख चरणों का वर्णन करें। - Biology (जीव विज्ञान)

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Question

पेशी संकुचन के प्रमुख चरणों का वर्णन करें।

Answer in Brief

Solution

पेशी संकुचन का सर्पी तंतु या छड़ विसर्पण सिद्धान्त:-

  • सामान्य अवस्था में सार्कोमियर में ATP तथा मैग्नीशियम आयन होते हैं; कैल्शियम आयन भी सूक्ष्म मात्रा में होते हैं। एक्टिन छड़े ट्रोपो मायोसिन के साथ इस प्रकार जुड़ी रहती हैं कि ये मायोसिन छड़ों के साथ नहीं जुड़ सकतीं। जब पेशी तन्तु को तन्त्रिका आवेग द्वारा श्री होल्ड उद्दीपन प्राप्त होता है, तब पेशी तन्तु के अन्तर्द्रव्यी जाल (ER) से Ca+ (कैल्शियम आयन) सार्कोमियर में मुक्त हो जाते हैं।
  • ये कैल्शियम आयन ट्रोपो मायोसिन के साथ संयुक्त हो जाते हैं और एक्टिन छड़े स्वतन्त्र हो जाती हैं। इसी समय ATP के जल विघटन के फलस्वरूप ऊर्जा मुक्त होती है। इस ऊर्जा की उपस्थिति में एक्टिने तथा मायोसिन सक्रिय हो जाते हैं और नए सेतु बन्धों की रचना होती है। इसके फलस्वरूप एक्टिन छड़े मायोसिन छड़ों के ऊपर फिसलकर साकमियर के केन्द्र की ओर चली जाती हैं। एक्टिन तथा मायोसिन मिलकर एक्टोमायोसिन की रचना करते हैं।
  • इस प्रक्रिया में पेशी तन्तु की लंबाई कम हो जाती है। अर्थात् संकुचित हो जाता है। जब उद्दीपन समाप्त हो जाता है, तब सक्रिय पम्पिंग द्वारा कैल्शियम आयनों को अन्तर्रव्यीय जाल में पंप कर दिया जाता है। ट्रोपो मायोसिन स्वतन्त्र हो जाता है, इससे एक्टिन व मायोसिन के बीच के सेतु बंधन टूट जाते हैं।
  • एक्टिन फिर ट्रोपो मायोसिन के साथ संयुक्त हो जाता है। पेशी तन्तु वापस अपनी पुरानी लंबाई में लौट आता है। मृत्यु के पश्चात् ATP के न बनने के कारण Ca+ वापस सार्कोप्लास्मिक जाल में नहीं जा सकते; अतः पेशियाँ सिकुड़ी रह जाती हैं और शरीर अकड़ा रह जाता।
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पेशी - पेशी संकुचन की क्रियाविधि
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Chapter 17: गमन एवं संचलन - अभ्यास [Page 228]

APPEARS IN

NCERT Biology [Hindi] Class 11
Chapter 17 गमन एवं संचलन
अभ्यास | Q 3. | Page 228
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