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पृथ्वी को बचाने के लिए ज़रूरी है की विभिन्न देश सुलह और सहकार की निति अपनाएँ। पर्यावरण के सवाल पर उत्तरी और दक्षिणी देशों के बीच जारी वार्ताओं की रोशनी में इस कथन की पुष्टि करें। - Political Science (राजनीति विज्ञान)

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Question

पृथ्वी को बचाने के लिए ज़रूरी है की विभिन्न देश सुलह और सहकार की निति अपनाएँ। पर्यावरण के सवाल पर उत्तरी और दक्षिणी देशों के बीच जारी वार्ताओं की रोशनी में इस कथन की पुष्टि करें।

Long Answer

Solution

पृथ्वी को बचाने के लिए विभिन्न देश सुलह और सहकार की निति अपनाएँ क्योंकि पृथ्वी का संबंध किसी एक देश से नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व और मानव जाति से है पर्यावरण के प्रश्न पर उत्तरी गोलार्द्ध के देश यानि विकसित देश, दक्षिणी गोलार्द्ध के देशों यानि विकासशील देशों को बराबर के हिस्सा बनाना चाहते हैं।

यद्यपि कुछ समय के लिए विश्व के तीन बड़े विकासशील देशों जिनमे चीन, ब्राजील और भारत भी शामिल हैं, को इस उत्तरदायित्व से छूट दे दी गई और उनके तर्क को मान लिया गया है की ग्रीन हाउस गैसों के उत्सृर्जन के मामलों में मुख्यत वे देश ज़िम्मेदार हैं जिनके यहाँ औद्योगी करण हो गया हैं 2005 के जून हमीने में ग्रुप - आठ देशों की बैठक हुई। इस बैठक में भारत ने याद दिलाया की विकासशील देशों की प्रति व्यक्ति ग्रीक हाउस गैस की उत्सृर्जन दर विकसित देशों की तुलना में नाम मात्र है। सांझी परन्तु, अलग - अलग ज़िम्मेदारी के सिद्धांत के अनुरूप भारत का विचार है की उत्सृर्जन दर में कमी करने की सबसे अधिक ज़िम्मेदारी विकसित देशों की है क्योकि इन देशों ने एक लम्बी अवधि से बहुत अधिक उत्सृर्जन किया है। संयुक्त राष्ट्र संघ के जलवायु परिवर्तन से संबधित बुनियादी नियमचारा के अनुरूप भारत पर्यावरण से जुड़े अंतरारष्ट्रीय मसलों में अधिकतर ऐतिहासिक उत्तरदायित्व का तर्क रखना है।

इस तर्क के अनुसार ग्रीक गैसों के रिसाव की ऐतिहासिक और मौजूदा जबावदेही ज्यादातर विकसित देशों की है। इसमें जोर देकर कहा गया है की विकासशील देशों की पहली और अपरिहार्य प्राथमिकता आर्थिक एवं सामाजिक विकास की है। हाल में संयुक्त राष्ट्र संघ के नियमाचार के अंतर्गत चर्चा चली की तेजी से औद्योगिक होते देश (जैसे - ब्राजील, चीन, भारत) नियमाचार की बाध्यताओं का पालन करते हुए ग्रीनहाउस गैसों के उत्सृर्जन को कम करे। भारत इस बात के खिलाफ है। उसका मानना है की यह बात इस नियमाचार की मूल भावना के खिलाफ है। जो भी हो, सभी देशों को आपसी सुलह और समझ कायम करके अपने ग्रह पृथ्वी को बचाना है। सदस्यों में मतभेद हों परन्तु पृथ्वी तथा उसके वायुमंडल को बचने के लिए एकजुट होने के प्रयास करने ही होंगे।

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पर्यावरण के मसले पर भारत का पक्ष
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Chapter 8: पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन - प्रश्नावली [Page 134]

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NCERT Political Science [Hindi] Class 12
Chapter 8 पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन
प्रश्नावली | Q 8. | Page 134
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