English

‘प्रतिबिंबता’ का क्या तात्पर्य है तथा यह समाजशास्त्र में क्यों महत्त्वपूर्ण है? - Sociology (समाजशास्त्र)

Advertisements
Advertisements

Question

‘प्रतिबिंबता’ का क्या तात्पर्य है तथा यह समाजशास्त्र में क्यों महत्त्वपूर्ण है?

Short Note

Solution

प्रतिबिंबता (Reflexivity) का संदर्भ इस तथ्य से है कि हमारी अनुभूति की व्यवस्था वार्तालाप प्रक्रिया का परिणाम है। यह वार्तालाप के दौरान सृजित होती है। फिर भी हम स्वयं के विषय में सामान्यतया सोचते हैं कि हम उसे व्यवस्था का वर्णन कर रहे हैं जो हमारे चारों तरफ पहले से विद्यमान है। प्रतिबिंबता नृजाति कार्यप्रणाली (Ethnomethodology) से संबंधित एक विचार है जो गारफिनकेल्टो (Garfinkelto) नामक एक तकनीक है जो कुछ कोई कर रही है, उसका सावधानीपूर्वक दस्तावेजीकरण का महत्त्व प्रतिबिंबता का एक व्यवहारिक पहलू है। यह सुनिश्चित करता है कि अन्य उन चरणों का पता लगा सकता है जिसका प्रयोग हमने विशेषतः निष्कर्ष की प्राप्ति हेतु किया है और स्वयं जाँच सकता है कि कहीं हमें सही हैं। यह हमारे सोचने की प्रक्रिया या तर्कविधि की परीक्षा और पुनर्परीक्षा में भी मदद करती है।

shaalaa.com
कुछ पद्धतिशास्त्रीय मुद्दे
  Is there an error in this question or solution?
Chapter 5: समाजशास्त्र-अनुसंधान पद्धतियाँ - अभ्यास [Page 115]

APPEARS IN

NCERT Sociology [Hindi] Class 11
Chapter 5 समाजशास्त्र-अनुसंधान पद्धतियाँ
अभ्यास | Q 4. | Page 115
Share
Notifications

Englishहिंदीमराठी


      Forgot password?
Use app×