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Question
Read the extract given below and answer in Hindi the questions that follow:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़िए और उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर हिंदी में लिखिए:
'चुपचाप बैठे तंग हो रहा था, कुढ़ रहा था कि मित्र अचानक बोले-“देखो वह क्या है?” मैंने देखा कि कोहरे की सफेदी में कुछ ही हाथ दूर से एक काली-सी मूर्ति हमारी तरफ आ रही थी, मैंने कहा-“होगा कोई।” - अपना-अपना भाग्य - श्री जैनेंद्र कुमार |
- 'मैंने' शब्द से किसकी ओर संकेत किया गया है? वह इस समय किस स्थान पर है? [2]
- 'काली सी मूर्ति' किसकी थी? लेखक ने उसकी दशा का वर्णन किस प्रकार किया है? [2]
- बालक कहाँ का रहनेवाला था? उसने अपने तथा अपने परिवार के विषय में क्या जानकारी दी? [3]
- प्रस्तुत कहानी मनुष्य की संवेवनहीनता का यथार्थ चित्रण प्रस्तुत करती है-कहानी का उदाहरण देकर इस कथन को सिद्ध कीजिए। [3]
Answer in Brief
One Line Answer
Solution
- 'मैंने' शब्द से लेखक की ओर संकेत किया गया है। वह इस समय नैनीताल में सड़क के किनारे बेंच पर बैठा हुआ है।
- 'काली सी मूर्ति' एक छोटे लड़के की थी। लेखक ने उसकी दशा का वर्णन करते हुए बताया कि वह लड़का नंगे पैर, नंगे सिर, मैली कमीज़ पहने हुए था। उसके बाल बड़े-बड़े थे और वह सिर खुजलाता हुआ चल रहा था। उसके चेहरे पर सूनी आँखें और झुर्रियाँ थीं।
- बालक पंद्रह कोस दूर गाँव का रहने वाला था। उसने बताया कि उसके कई भाई-बहन हैं और वहाँ काम और रोटी की कमी के कारण वह भाग आया। उसके पिता भूखे रहते थे और माँ भूखी रोती थी। उसका एक साथी भी था जो अब मर चुका है।
- प्रस्तुत कहानी मनुष्य की संवेदनहीनता का यथार्थ चित्रण करती है। उदाहरण के लिए, जब लेखक और उसका मित्र बालक को वकील के पास ले जाते हैं तो वकील उसे नौकर रखने से मना कर देता है। अगले दिन, वही बालक सड़क किनारे ठिठुरकर मर जाता है। यह घटना दर्शाती है कि समाज में संवेदनहीनता और लाचारी कितनी गहरी है।
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अपना-अपना भाग्य
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