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Question
Read the extract given below and answer in Hindi the questions that follow:
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़िए और उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर हिंदी में लिखिए:
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के। आगे-आगे नाचती-गाती बयार चली, दरवाजे-खिड़कियाँ खुलने लगी गली-गली, पाहुन ज्यों आए हो, गाँव में शहर के। मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के। पेड़ झुक झाँकने लगे गरदन उचकाए, आँधी चली, धूल भागी घाघरा उठाए, बाँकी चितवन उठा नदी ठिंठकी, घूँघट सरकाए मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के। - मेघ आए- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना |
- मेघ कहाँ आए हैं और कब आए हैं? [2]
- बयार को किस का प्रतीक बताया गया है? उसके आने पर गाँव वालों की कया स्थिति थी? [2]
- पेड़, धूल भरी आँधी तथा नदी को किस-किस का प्रतीक बताया गया है? समझाइए। [3]
- प्रस्तुत कविता में किस अलंकार का प्रयोग किया गया है तथा जिस ऋतु के विषय में बताया गया है उसके विषय में चार पंक्तियाँ लिखिए। [3]
Answer in Brief
Solution
- मेघ गाँव में आए हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि वे वर्षा ऋतु के आगमन पर आए हैं।
- बयार को एक नाचती-गाती महिला का प्रतीक बताया गया है। उसके आने पर गाँव के लोग उत्साहित हो गए और दरवाजे-खिड़कियाँ खुलने लगीं, जैसे कोई महत्वपूर्ण पाहुन (अतिथि) आया हो।
- पेड़ को एक झाँकते हुए व्यक्ति का प्रतीक बताया गया है, जो गर्दन उचका कर मेघों को देख रहा है।
- धूल भरी आँधी को एक भागती हुई महिला का प्रतीक बताया गया है, जो घाघरा उठाए हुए भाग रही है।
- नदी को एक संकोच करती हुई महिला का प्रतीक बताया गया है, जो घूँघट सरकाए हुए मेघों को देख रही है।
- प्रस्तुत कविता में रूपक अलंकार का प्रयोग किया गया है।
- इस कविता में वर्षा ऋतु का वर्णन है। वर्षा ऋतु के आगमन से वातावरण में ठंडक और ताजगी आती है। पेड़-पौधे हरे-भरे हो जाते हैं और धरती पर एक नई ऊर्जा का संचार होता है। गाँव के लोग उत्साहित हो जाते हैं और हर तरफ खुशहाली छा जाती है। मेघों के आने से सूखे तालाब और नदी फिर से भर जाते हैं, और प्रकृति अपनी पूरी सुंदरता में खिल उठती है।
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मेघ आए
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