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सूत्र yPυ=yPρ का उपयोग करके स्पष्ट कीजिए कि वायु में ध्वनि की चाल क्यों दाब पर निर्भर नहीं करती? - Physics (भौतिक विज्ञान)

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Question

सूत्र `upsilon = sqrt("yP"/rho)` का उपयोग करके स्पष्ट कीजिए कि वायु में ध्वनि की चाल क्यों दाब पर निर्भर नहीं करती?

Numerical

Solution

वायु में ध्वनि की चाल पर दाब का प्रभाव-वायु में ध्वनि की चाल के सूत्र  `upsilon = sqrt"yP"/rho` से प्रतीत होता है कि दाब P के बदलने पर ध्वनि की चाल υ का मान भी बदल जाएगा परन्तु वास्तव में ऐसा नहीं होता।
माना’ परमताप T पर किसी गैस के 1 ग्राम-अणु द्रव्यमान का आयतन V तथा दाब P है।
यदि गैस का अणुभार M तथा घनत्व d हो तो

`"गैस का आयतन"  "V" = "द्रव्यमान"/"घनत्व" = "M"/"d"`

अतः गैस समीकरण PV = RT से, `"PM"/"d" = "RT"`

अथवा `"P"/"d" = "RT"/"M" = "नियतांक"`   [T के नियत होने पर]

अर्थात ताप T के नियत रहने पर यदि दाब P का मान बदलेगा, तो उसके साथ घनत्व d का मान भी बदल जाएगा परन्तु `"P"/"d"` का मान नियत रहेगा, जिससे ध्वनि की चाल υ का मान नहीं बदलेगा; अतः यदि वायु अथवा गैस का ताप नियत रहे तो ध्वनि की चाल पर दाब - परिवर्तन का प्रभाव नहीं पड़ता। वायु में ध्वनि की चाल एवं दाब के बीच चित्र में दिखाया गया है।

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प्रगामी तरंग की चाल - अनुदैर्घ्य तरंग की चाल - ध्वनि की चाल
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Chapter 15: तरंगें - अभ्यास [Page 406]

APPEARS IN

NCERT Physics [Hindi] Class 11
Chapter 15 तरंगें
अभ्यास | Q 15.4 (a) | Page 406

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12.0 m लंबे स्टील के तार का द्रव्यमान 2.10 kg है। तार में तनाव कितना होना चाहिए ताकि उस तार पर किसी अनुप्रस्थ तरंग की चाल 20°C पर शुष्क वायु में ध्वनि की चाल (343 ms-1) के बराबर हो।


आपने यह सीखा है कि एक विमा में कोई प्रगामी तरंग फलन y = f (x t) द्वारा निरूपित की जाती है, जिसमें x तथा t को x – vt अथवा x + vt है अर्थात y = f (x ± vt) संयोजन में प्रकट होना चाहिए। क्या इसका प्रतिलोम भी सत्य है? नीचे दिए गए y के फलन का परीक्षण करके यह बताइए कि क्या वह किसी प्रगामी तरंग को निरूपित कर सकता है?

(x - υt)2


सूत्र `upsilon = sqrt("yP"/rho)` का उपयोग करके स्पष्ट कीजिए कि वायु में ध्वनि की चाल क्यों ताप के साथ बढ़ जाती है?


सूत्र `upsilon = sqrt"yP"/"d"` का उपयोग करके स्पष्ट कीजिए कि वायु में ध्वनि की चाल क्यों आर्द्रता के साथ बढ़ जाती है?


स्पष्ट कीजिए क्यों (अथवा कैसे):

ठोस अनुदैर्घ्य तथा अनुप्रस्थ दोनों प्रकार की तरंगों का पोषण कर सकते हैं जबकि गैसों में केवल अनुदैर्घ्य तरंगें ही संचरित हो सकती है।


स्पष्ट कीजिए क्यों (अथवा कैसे):

परिक्षेपी माध्यम में संचरण के समय स्पन्द की आकृति विकृत हो जाती है।


रेलवे स्टेशन के बाह्य सिगनल पर खड़ी कोई रेलगाड़ी शान्त वायु में 400 Hz आवृत्ति की सीटी बजाती है।

  1. प्लेटफॉर्म पर खड़े प्रेक्षक के लिए सीटी की आवृत्ति क्या होगी जबकि रेलगाड़ी
    (a) 10 ms-1 चाल से प्लेटफॉर्म की ओर गतिशील है, तथा
    (b) 10 ms-1 चाल से प्लेटफॉर्म से दूर जा रही है?
  2. दोनों ही प्रकरणों में ध्वनि की चाल क्या है? शान्त वायु में ध्वनि की चाल 340 ms-1 लीजिए।

स्टेशन यार्ड में खड़ी कोई रेलगाड़ी शांत वायु में 400 Hz आवृत्ति की सीटी बजा रही है। तभी 10 ms-1 चाल से यार्ड से स्टेशन की ओर वायु बहने लगती है। स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर खड़े किसी प्रेक्षक के लिए ध्वनि की आवृत्ति, तरंगदैर्घ्य तथा चाल क्या हैं? क्या यह स्थिति तथ्यतः उस स्थिति के समरूप है जिसमें वायु शांत हो तथा प्रेक्षक 10 ms-1 चाल से यार्ड की ओर दौड़ रहा हो? शांत वायु में ध्वनि की चाल 340 ms-1 ले सकते हैं।


ध्वनि का कोई सीमित स्पंद (उदाहरणार्थ सीटी की ‘पिप) माध्यम में भेजा जाता है।

  1. क्या इस स्पंद की कोई निश्चित
    1. आवृत्ति,
    2. तरंगदैर्घ्य,
    3. संचरण की चाल है?
  2. यदि स्पंद दर 1 स्पंद प्रति 20 s है अर्थात सीटी प्रत्येक 20 s के पश्चात सेकंड, के कुछ अंश के लिए बजती है तो सीटी द्वारा उत्पन्न स्वर की आवृत्ति (1/20) Hz अथवा 0.05 Hz है?

80 × 10-3 kg m-1 रैखिक द्रव्यमान घनत्व की किसी लंबी डोरी का एक सिरा 256 Hz आवृत्ति के विद्युत चालित स्वरित्र द्विभुज से जुड़ा है। डोरी का दूसरा सिरा किसी स्थिर घिरनी के ऊपर गुजरता हुआ किसी तुला के पलड़े से बँधा है जिस पर 90 kg के बाट लटके हैं। घिरनी वाला सिरा सारी आवक ऊर्जा को अवशोषित कर लेता है जिसके कारण इस सिरे से परावर्तित तरंगों का आयाम नगण्य होता है। t = 0 पर डोरी के बाएँ सिरे। (द्विभुज वाले सिरे) x = 0 पर अनुप्रस्थ विस्थापन शून्य है (y = 0) तथा वह y-अक्ष की धनात्मक दिशा के अनुदिश गतिशील है। तरंग का आयाम 5.0 cm है। डोरी पर इस तरंग का वर्णन करने वाले अनुप्रस्थ विस्थापन y को x तथा t के फलन के रूप में लिखिए।


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