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उत्तर मौर्यकाल में विकसित राजत्व के विचारों की चर्चा कीजिए। - History (इतिहास)

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Question

उत्तर मौर्यकाल में विकसित राजत्व के विचारों की चर्चा कीजिए।

Long Answer

Solution

  • उत्तर मौर्यकाल में राजधर्म के विचार
  1. उत्तर मौर्यकाल में राजाओं ने अपने अस्तित्व को ऊँचा बनाए रखने के लिए अपने अपको देवी-देवताओं से जोड़ लिया। मध्य एशिया से लेकर पश्चिमोत्तर भारत तक शासन करने वाले कुषाण शासकों ने (लगभग प्रथम शताब्दी ई०पू० से प्रथम शताब्दी ई० तक) इस उपाय का सबसे अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया।

  2. जिस प्रकार के राजधर्म को कुषाण शासकों ने प्रस्तुत करने के इच्छा की, उसका सर्वोत्तम प्रमाण उनके सिक्कों और मूर्तियों से प्राप्त होता है। उत्तर प्रदेश में मथुरा के पास माट के एक देवस्थान पर कुषाण शासकों की विशालकाय मूर्तियाँ लगाई गई थीं। अफगानिस्तान के एक देवस्थान पर भी इसी प्रकार की मूर्तियाँ मिली हैं।

  3. कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इन मूर्तियों के जरिए कुषाण स्वयं को देवतुल्य प्रस्तुत करना चाहते थे। कई कुषाण शासकों ने अपने नाम के आगे ‘देवपुत्र’ की उपाधि भी लगाई थी। संभवतः वे उन चीनी शासकों से प्रेरित हुए होंगे, जो स्वयं को ‘स्वर्गपुत्र’ कहते थे।

  4. चौथी शताब्दी ई० में गुप्त साम्राज्य सहित कई साम्राज्य सामंतों पर निर्भर थे। अपना निर्वाह स्थानीय संसाधनों द्वारा करते थे। जिसमें भूमि पर नियंत्रण भी शामिल था। वे शासकों का आदर करते थे और उनकी सैनिक सहायता भी करते थे। जो सामंत शक्तिशाली होते थे वे राजा भी बन जाते थे और जो राजा दुर्बल होते थे, वे बड़े शासकों के अधीन हो जाते थे।

  5. गुप्त शासकों का इतिहास साहित्य, सिक्कों और अभिलेखों की सहायता से लिखा गया है। साथ ही कवियों द्वारा अपने राजा या स्वामी की प्रशंसा में लिखी प्रशस्तियाँ भी उपयोगी रही हैं। यद्यपि इतिहासकार इन रचनाओं के आधार पर ऐतिहासिक तथ्य निकालने का प्रायः प्रयास करते हैं, लेकिन उनके रचयिता तथ्यात्मक विवरण की अपेक्षा उन्हें काव्यात्मक ग्रंथ मानते थे। उदाहरण के तौर पर इलाहाबाद स्तंभ अभिलेख के नाम से प्रसिद्ध प्रयाग प्रशस्ति की रचना हरिषेण जो स्वयं गुप्त सम्राटों के संभवतः सबसे शक्तिशाली सम्राट समुद्रगुप्त के राजकवि थे, ने संस्कृत में की थी।

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एक आरंभिक साम्राज्य
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Chapter 2: राजा, किसान और नगर - अभ्यास [Page 52]

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NCERT History [Hindi] Class 12
Chapter 2 राजा, किसान और नगर
अभ्यास | Q 8. | Page 52
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